
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में चल रही रिशवतखोरी
भोपाल:22 जनवरी/ बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा से पूर्व विधायक किशोर समरीते ने दिनांक 21/01/2021 को एक शिकायती पत्र लोकायुक्त मध्य प्रदेश को लिखा है| पत्र में पूर्व विधायक ने प्रमुख अभियंता के के सोनगरिया की शिकायत की और प्रमुख अभियंता की 50 करोड़ से अधिक अवैध सम्पति की जांच की मांग की है|
किशोर समरीते ने लोकायुक्त को लिखा है की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के प्रमुख अभियंता के के सोनगरिया द्वारा मुख्य अभियंता के प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के अधिकार समाप्त कर अपने पास ले लिए गए है और अपने अधीन कार्यपालन यंत्री आलोक अग्रवाल तथा पंकज विजयवर्गीय के माध्यम से 8 हज़ार जल जीवन मिशन की स्कीम में 2 हज़ार रुपये प्रति योजना प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने की दर से पैसे लिए|
इस सम्बन्ध में पूर्व विधायक ने बताया की जल जीवन मिशन में 38 पाइप कम्पनियों को पाइप आपूर्ति की स्वीकृतिया दी गयी| इन कम्पनियों ने अपने पाइप की दर बढ़ा दी और 210 रूपए प्रति मीटर कर दी जबकि इन सभी कम्पनियों के पाइप 90 रूपए प्रति मीटर के है| किशोर समरीते ने बताया की भारत सरकार की योजना है की सूक्षम, मध्यम एवं लघु उद्योगों को प्रोत्साहित कर इन्ही के पाइप लिए जाएं लेकिन इसके विपरीत प्रमुख अभियंता के के सोनगरिया ने पाइप और वॉल्व आपूर्ति करने वाली कम्पनियों को 40 करोड़ प्रति वर्ष का टर्नओवर अनिवार्य होने की शर्त रख दी|
अपने शिकायती आवेदन में पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है की के के सोनगरिया ने 38 कम्पनियों से 38 करोड़ रूपए बतौर रिश्वत ली| इसी तरह अनिमिताओ में लिप्त के के सोनगरिया द्वारा बालाघाट जिले में लांजी में पदस्थ सहायक यंत्री मंगोरे को बिना राज्य शासन के स्वीकृति के जबलपुर डिवीज़न का कार्यपालन यंत्री बनवा दिया और जबलपुर में पदस्थ कार्यपालन यंत्री मुकेश श्रीवास्तव को प्रभारी अधीक्षण यंत्री जबलपुर बना दिया| जबलपुर में पदस्थ दोनों अधिकारियों के पदस्थापना आदेशों में विभागीय मंत्री एवं प्रमुख सचिव लोक स्वस्थ्य यांत्रिकी विभाग का अनुमोदन नहीं है|
विभागीय सूत्रों के मुताबिक के के सोनगरिया 2 से 5 प्रतिशत कमीशन हर शासकीय भुगतान पर मांग करते है यही वजह है की बजट होते हुए भी महाकौशल में कार्यपालन यंत्री से कमीशन नहीं मिलने से हैंडपंप,नल जल योजना में राशि आवंटित नहीं की जा रही है|
इन आरोपों पर के के सोनगरिया से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गयी परन्तु प्रमुख अभियंता की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला|