पौड़ी, 23 अप्रैल (आईएएनएस)। 23 अप्रैल 1930 में पेशावर कांड हुआ था, जिसमें सैन्यभूमि उत्तराखंड के सपूत वीरचंद्र सिंह गढ़वाली ने अपनी समस्त बटालियन के साथ स्वतंत्रता आंदोलन में अपना अहम योगदान दिया था।
वीरचंद्र सिंह गढ़वाली और उनकी बटालियन ने देश की आजादी के लिए आंदोलन कर रही जनता पर गोली चलाने से मना कर दिया था। उसके बाद उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के लिए हुंकार भरी और अंग्रेजों के खिलाफ देश में चल रहे विद्रोह का नेतृत्व किया और शहादत दी।
पेशावर कांड की बरसी पर पौड़ी से बीजेपी प्रत्याशी अनिल बलूनी ने वीरचंद्र सिंह गढ़वाली और उनके साथियों को नमन किया।
उन्होंने कहा कि पेशावर कांड की बरसी पर सैन्यभूमि उत्तराखंड के महान सपूत वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और उनके साथियों को नमन। आज ही के दिन साल 1930 में पेशावर में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नेतृत्व में समस्त बटालियन ने देश की आजादी के लिए आंदोलन कर रही जनता पर गोली चलाने से मना कर विद्रोह की हुंकार भरी थी। उनकी ओर से स्वतंत्रता आंदोलन में दिया गया योगदान अविस्मरणीय है, देशभक्ति को समर्पित आपका जीवन हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा।