नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने समाजवादी पार्टी पर आतंकवादियों और अलगाववादियों संग गहरे संबंध होने का आरोप लगाया है। नकवी के मुताबिक देश की एकता और अखंडता के खिलाफ काम करने वालों संग रिश्ता उनकी विचारधारा को दर्शाता है। आईएएनएस से बात करते हुए उन्होंने कई राजनीतिक मुद्दों पर अपनी राय रखी।
मौलाना सलमान से अबू आजमी के आशीर्वाद लेने को लेकर सवाल किए जाने पर मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जब आशीर्वाद अलगाववादियों और आतंकवादियों के आकाओं से लिया जाता है, तो इससे आप समझ सकते हैं कि इन लोगों का इन ताकतों से कितना गहरा रिश्ता है। यह आशीर्वाद उन लोगों से लिया जा रहा है जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ काम करते हैं। यह उनकी सोच और विचारधारा को दिखाता है।
अखिलेश यादव द्वारा लगाए आरोपों पर सवाल पूछे जाने पर नकवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। यादव ने कहा था कि भाजपा चुनावों में महिलाओं को बुर्का पहनने से रोकने की कोशिश कर रही है और लाल पर्ची का इस्तेमाल वोटरों को लुभाने के लिए कर रही है। नकवी ने इस पर कहा कि यह आरोप कुछ नहीं बल्कि फर्जी वोटों की सेक्युलर खोट को छिपाने की कोशिश है। जब फर्जी वोटों की सच्चाई सामने आएगी, तो ऐसे ही भ्रमित करने वाले बयान सुनने को मिलेंगे। यह वही लोग हैं जो हर बार चुनाव के दौरान ऐसे विवादित मुद्दे उठाते हैं, ताकि वास्तविक समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाया जा सके।
मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पार्टी की आर्थिक स्थिति और चुनावी घोषणाओं पर भी गंभीर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “कांग्रेस की हालत इस समय बहुत खराब है। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा है कि उनके पास संसाधन नहीं हैं, लेकिन फिर भी वे चुनावों में बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं। यह स्थिति एक ऐसे घर जैसी है जहां खाने को कुछ नहीं होता, लेकिन फिर भी घर के मालिक बाहर से आवाजें लगाते हैं।”
नकवी ने कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को लेकर कहा, “उनकी हालत यह हो गई है कि आज उनकी पार्टी के संसाधन नीलामी के कगार पर पहुंच चुके हैं। पार्टी अपनी वित्तीय स्थिति को लेकर बिल्कुल असमर्थ है और इससे बचने के लिए वे सिर्फ चुनावी घोषणाओं का सहारा ले रहे हैं। कांग्रेस को यह समझने की जरूरत है कि सिर्फ घोषणा से काम नहीं चलता, उन्हें वास्तविक संसाधन और जनता का विश्वास चाहिए।”
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश जारी किया, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार लगभग 150 करोड़ रुपये का बिजली बकाया भुगतान करने में विफल रही है। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए नकवी ने कहा कि राज्य सरकार के पास इतना भी पैसा नहीं है कि वह अपना बिजली बिल भर सकें, और ऐसी स्थिति में चुनावी घोषणाएं करना केवल दिखावा है। कांग्रेस की हालत यह हो गई है कि घर में खाने को नहीं और अम्मा चली भुनाने। यह स्थिति पूरी तरह से ‘घर फूंक तमाशा देख’ जैसी हो गई है।
उन्होंने कहा कि उनकी हालत ‘खटाखट, फटाफट, टकाटक’ जैसी हो गई है, यानि चुनावी घोषणाएं तो करेंगे, लेकिन उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि उनके पास जो वित्तीय संसाधन हैं, वे हैं भी या नहीं। उनके संसाधन नीलामी के कगार पर हैं।
इसके अलावा, नकवी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस और बीजेपी सांप हैं, इनको मार देना चाहिए। नकवी ने कहा कि यह न केवल उनकी मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि कांग्रेस पार्टी के हालात को भी उजागर करता है। यह बयान हार की हताशा और निराशा से भरा हुआ है।
नकवी के मुताबिक कांग्रेस डिप्रेशन की स्थिति में हैं। बोले, कांग्रेस पार्टी खुद डिप्रेशन और डिफीट की स्थिति में है। ‘हर शाख पर उल्लू बैठे हैं, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा?’ यह कांग्रेस की वास्तविक स्थिति को बयां करता है। कांग्रेस पार्टी के नेता आज अपनी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और इसका परिणाम यह है कि ऐसी बेतुकी बयानबाजी सुनने को मिल रही है।