उदयनिधि ने केंद्र पर मुस्लिमों की संपत्ति हड़पने का लगाया आरोप, बोले- प्रतिदिन करते हैं प्रताड़ित

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चेन्नई, 4 मार्च (आईएएनएस)। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन मंगलवार को चेन्नई के रॉयापेट्टा में वाईएमसीए ग्राउंड में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड द्वारा आयोजित इफ्तार समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में एक-दूसरे को शुभकामनाएं देना खुशी की बात है, भले ही कुछ लोग इससे नाराज़ हों। तमिलनाडु में अल्पसंख्यक समुदाय को घर जैसा महसूस होता है, जो द्रविड़ मॉडल सरकार की विशेषता है।

डिप्टी सीएम उदयनिधि ने द्रविड़ आंदोलन और इस्लामिक समुदाय के बीच ऐतिहासिक संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कलाईनार करुणानिधि और कयिथा मिलाथ के बीच घनिष्ठ मित्रता थी और करुणानिधि मुस्लिम समुदाय की भलाई के लिए हमेशा चिंतित रहते थे। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विधानसभा में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को निरस्त करने का भी प्रस्ताव पारित किया है।

उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार प्रतिदिन ऐसी योजनाएं लाती रहती हैं, जिससे अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित होना पड़ता है। केंद्र सरकार की यही मंशा रहती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर मुस्लिमों की संपत्ति का दुरुपयोग करने का भी आरोप लगाया।

उदयनिधि ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह वक्फ अधिनियम में संशोधन के माध्यम से मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को हड़पने और वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने की योजना बना रही है, जिसका द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) सरकार विरोध करती है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वक्फ अधिनियम में संशोधन पारित होता है, तो यह मुस्लिम समुदाय के हितों के लिए हानिकारक होगा।

बता दें कि उदयनिधि स्टालिन अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में उन्होंने नई शिक्षा नीति को लेकर बयान दिया था, जिस पर तीखी बहस हुई थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार हिंदी भाषा को जबरदस्ती तमिलनाडु पर थोपने की योजना बना रही है। आरोप लगाया था कि यूपी-बिहार जैसे राज्यों पर हिंदी थोपने की वजह से वहां की मातृभाषा खत्म हो चुकी हैं। केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आप तमिलनाडु पर जबरन हिंदी थोपेंगे तो आपको ‘भाषा युद्ध’ से होकर गुजरना होगा।