इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। कट्टरपंथी इस्लामिक धर्म उपदेशक जाकिर नाइक ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की। मुलाकात की तस्वीरें भी सामने आई हैं। जिसमें दोनों के चेहरे पर दिख रही मुस्कुराहट बहुत कुछ बयां कर रही है।
बता दें कि जाकिर नाइक सोमवार को पाकिस्तान पहुंचा, जहां उसका जोरदार स्वागत किया गया। वहां उसे जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। उसकी सुरक्षा में पाकिस्तानी रेंजर्स भी तैनात किए गए हैं। वह 28 अक्टूबर तक पाकिस्तान में ही रहेगा। जहां वो कराची, इस्लामाबाद और लाहौर में धार्मिक उपदेश देगा।
इस बीच, पाकिस्तान में जाकिर ने भारत में गोमांस को लेकर जारी बहस पर भी अपनी बात रखी।
जाकिर ने कहा, “गोमांस खाना फर्ज (धार्मिक संस्कार) नहीं है। ऐसी स्थिति में अगर गोमांस के विरोध में कानून लाया जाता है, तो मुसलमानों को उसका सम्मान करना चाहिए। इस्लामिक शरीयत भी यही हिदायत देती है कि आप जिस मुल्क में रहते हैं, वहां के कानून का पालन करें, जब तक वो कानून अल्लाह के खिलाफ ना हो। मिसाल के तौर पर अगर किसी मुल्क में यह कानून लागू किया जाता है कि आप नमाज अता नहीं कर सकते हैं, तो ऐसी स्थिति में आपको उस कानून का पालन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस्लाम में नमाज पढ़ना फर्ज है। लेकिन, यहां गौर करने वाली बात है कि इस्लाम में गोमांस खाना फर्ज नहीं है, तो ऐसे में अगर कोई कानून इसके विरोध में आता है, तो आप उसका पालन कीजिए। इसमें कोई हर्ज नहीं है।”
जाकिर नाइक ने पाकिस्तान में कहा कि’गोमांस पर प्रतिबंध एक राजनीतिक मुद्दा है क्योंकि इसे हिंदू भी खाते हैं, वो नॉनवेज भी खाते हैं, मटन भी खाते हैं, बीफ (गौमांस) भी खाते हैं, यह उनकी किताबों में लिखा हुआ है।’
उन्होंने आगे कहा, “गोमांस एक राजनीतिक मुद्दा है। यह कई राज्यों में प्रतिबंधित है। कई देशों में कानून है कि अगर आप गोमांस खाएंगे, तो आपको पांच साल की सजा होगी। सोचिए, अगर आप किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ करते हैं, तो आपको तीन साल की सजा होती है, लेकिन अगर आप गोमांस खाते हैं, तो आपको पांच साल की होगी। यह तर्क मुझे समझ में नहीं आता है।”
पाकिस्तान में नाइक ने कई मंत्रियों समेत पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मामलों के मंत्री मोहम्मद इशाक डार से भी इससे पहले मुलाकात की थी।
बता दें कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उसे खुद आमंत्रित किया है। जबकि नाइक पर आतंकवाद को बढ़ावा देने, भड़काऊ भाषण और मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई अन्य गंभीर आरोप हैं।