पुंछ, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के सुरनकोट विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व कैबिनेट मंत्री सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। निधन के बाद उनके जनाजे में दिग्गज भाजपा नेताओं के साथ हजारों की संख्या में उनके समर्थक शामिल हुए।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने आईएएनएस को बताया कि सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी बहुत ही अच्छे इंसान थे। उन्होंने हमेशा लोगों को साथ लेकर चलने की बात की है। भगवान उनके हजारों समर्थकों और उनके परिवार को इस सदमे को बर्दाश्त करने की हिम्मत दे।
युवा पहाड़ी नेता एहसान मिर्जा ने भाजपा नेता के जाने पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि आज पूरा जम्मू-कश्मीर और खासकर राजौरी के लोगों को महसूस हो रहा है कि वह नहीं रहे। पिछले 50-60 साल से पहाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ते रहे और आखिर में उनको उनका हक मिला। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग आए हैं।
विधानसभा चुनाव में उनके खिलाफ खड़े हुए कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद शाह नवाज चौधरी ने बुखारी के देहांत पर शोक जताया और कहा कि इलाके की एक बहुत बड़ी शख्सियत अचानक दुनिया से चली गई। अल्लाह से उनको जन्नत नसीब करने की दुआ करते हैं। उनके जाने से राजनीति को बहुत नुकसान हुआ है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने बुखारी की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के बहुत बड़े सियासतदान सैयद मुश्ताक अहमद बुखारी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह एक बहुत बड़ी कद्दावर शख्सियत के मालिक थे, जिन्होंने पूरी जिंदगी गरीबों और बेसहारा लोगों कि सहायता की। वह भाजपा के बड़े नेता थे, और हमेशा गरीबों की बुलंद आवाज बने।
पहाड़ी समुदाय के लिए एसटी दर्जे के मुद्दे पर पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के साथ मतभेद के बाद बुखारी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़ दी थी। फरवरी में केंद्र द्वारा पहाड़ी लोगों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। वह 1996 में फारूक अब्दुल्ला सरकार में मंत्री भी थे।
वहीं, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मतदान संपन्न हो चुका है और मतों की गिनती 8 अक्टूबर को होनी है। मतदान का अंतिम चरण मंगलवार को संपन्न हुआ था। चुनाव कानूनों के अनुसार, सुरनकोट विधानसभा सीट के लिए मतगणना भाजपा उम्मीदवार की मृत्यु से प्रभावित नहीं होगी। चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 8 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के अन्य सभी निर्वाचन क्षेत्रों के साथ-साथ मतगणना नियमित रूप से की जाएगी। हालांकि, अगर सुरनकोट में मृतक भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीत जाते हैं, तो भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा अधिसूचना के माध्यम से सुरनकोट में नए सिरे से चुनाव का आदेश दिया जाएगा।