झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के चयन के लिए भाजपा ने बनाए दो पर्यवेक्षक

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रांची, 5 मार्च (आईएएनएस)। झारखंड विधानसभा को चालू बजट सत्र में ही नेता प्रतिपक्ष मिल जाएगा। राज्य में विधानसभा का चुनाव संपन्न होने के साढ़े तीन महीने बाद भी भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य में विधायक दल का नेता नहीं चुने जाने की वजह से नेता प्रतिपक्ष का पद अब तक रिक्त है।

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए बुधवार को पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद के. लक्ष्मण को यह जिम्मेदारी सौंपी है।

पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने बुधवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दोनों पर्यवेक्षक इसी हफ्ते रांची आ सकते हैं। उनकी मौजूदगी में पार्टी के विधायक अपना नेता चुनेंगे। राज्य विधानसभा का बजट सत्र 27 मार्च तक चलना है। ऐसे में भाजपा विधायक दल के नेता का चुनाव होते ही स्पीकर उन्हें नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता दे देंगे।

सत्र शुरू होने के पहले स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष न होने से सदन के संचालन में परेशानी होती है। सदन के नेता के साथ-साथ नेता प्रतिपक्ष की समान भूमिका होती है।

सदन में भाजपा विधायक दल का नेता न होने की वजह से पार्टी के भीतर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। सदन में भी पार्टी के विधायकों के बीच विभिन्न मुद्दों पर एकजुट स्टैंड की कमी साफ तौर पर दिख रही थी।

सत्ता पक्ष भी इसे लेकर भाजपा पर लगातार तंज कस रहा था। झामुमो ने तो बाकायदा इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा को नसीहत दी थी कि अगर पार्टी अपना नेता नहीं चुन पा रही है तो उसके सभी विधायकों को सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे देना चाहिए।

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा विधायक दल के नेता के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नाम पर सहमति बनाई जा सकती है। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ विधायक सीपी सिंह और नीरा यादव का नाम भी चर्चा में है।

–आईएएनएस

एसएनसी/एबीएम