नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के हाथों नियुक्ति पत्र पाने वाले 1984 दिल्ली दंगा पीड़ितों ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए शुक्रवार को कहा कि अब उन्हें अपने बच्चों का भविष्य सुरक्षित नजर आ रहा है।
उपराज्यपाल ने गुरुवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए तिलक विहार में बनाई गई कॉलोनी में जाकर करीब 50 लोगों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए थे।
नौकरी पाने वाले दीपक सेठी ने कहा कि इससे बहुत राहत मिली है। उन्होंने कहा, “हमारे बच्चों का भविष्य सुरक्षित नजर आ रहा है। पिछली सरकारों ने हमारा काम रोका था। हम 2006 से नौकरी की मांग कर रहे थे। कल 50 लोगों को नियुक्ति पत्र मिला है।”
नियुक्ति पत्र पाने वाले हरविंदर सिंह ने कहा कि 2006 में ही फाइल दी गई थी, अब जाकर काम हुआ है। उन्होंने कहा, “बहुत राहत है। अब बच्चों का भविष्य अच्छा है।”
दंगा पीड़ितों के लिए नौकरी की लड़ाई में अहम योगदान देने वाले दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के उपाध्यक्ष आत्मा सिंह लुभाना ने कहा कि करीब 500-600 और लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद है जिनकी फाइल अभी पेंडिंग है। उपराज्यपाल ने अगले सप्ताह यहीं पर शिविर लगाकर उनकी फाइल वेरीफाई करने का आदेश डिविजनल कमिश्नर और मुख्य सचिव को दिया है। जो लोग रह गए हैं उन्हें भी बहुत जल्द नौकरी मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि साल 2006 में तत्कालीन सरकार ने नौकरी के लिए 72 लोगों के नाम शॉर्टलिस्ट किए थे, लेकिन “चालाकी से” किसी को भी नौकरी नहीं दी। किसी को अनपढ़ होने के नाम पर तो किसी को अधिक उम्र के नाम पर छांट दिया गया। उपराज्यपाल ने सारी शर्तें हटा दी हैं।
मोदी सरकार बनने के बाद आए बदलाव के बारे में उन्होंने कहा कि 1984 दंगे के आरोपी सज्जन कुमार को जेल भेजा गया और जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दायर हो चुका है। उन्होंने दंगा पीड़ितों को नौकरी देने के लिए केंद्र सरकार, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अन्य को धन्यवाद दिया।