‘पार्टी के प्रति वफादारी का मिला इनाम, करहल में जीतेंगे’ : अनुजेश यादव

0
10

मैनपुरी (उत्तर प्रदेश), 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। करहल से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनुजेश यादव ने गुरुवार को पार्टी आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व का आभार जताया।

भाजपा ने कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर, गाजियाबाद से संजीव शर्मा, खैर से सुरेंद्र दिलेर, करहल से अनुजेश यादव, फूलपुर से दीपक पटेल, कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से सुचिस्मिता मौर्या को उम्मीदवार घोषित किया है।

करहल से उम्मीदवार बनाए जाने के बाद अनुजेश यादव ने कहा कि मैं प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व का दिल से आभार जताता हूं। मैं पार्टी के प्रति वफादार था इसलिए भारतीय जनता पार्टी ने मुझ पर भरोसा किया। मेरे परिवार से मेरी मां यहां से विधायक रही हैं और मुझे उम्मीद है कि जनता मुझ पर भरोसा जताएगी। यहां का विकास हमारी प्राथमिकता रहेगी।

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की करहल विधानसभा सीट से अनुजेश यादव उम्मीदवार बनाए जाने पर सियासत तेज हो चली है। करहल सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। अनुजेश यादव मुलायम सिंह की भतीजी और सांसद धर्मेंद्र यादव की बहन संध्या यादव के पति हैं। संध्या उर्फ ​​बेबी यादव 2015 से 2020 तक मैनपुरी की जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं, जबकि अनुजेश खुद इसी दौरान फिरोजाबाद से जिला पंचायत सदस्य थे।

समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के दामाद अनुजेश यादव सपा उम्मीदवार तेज प्रताप यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। अनुजेश यादव सपा के प्रत्‍याशी तेज प्रताप यादव के फूफा लगते हैं। ऐसे में अब करहल सीट पर फूफा और भतीजे आमने-सामने होंगे। अनुजेश यादव सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के सगे बहनोई हैं। उनकी बहन संध्या यादव से अनुजेश यादव की शादी हुई है। ऐसे में इस सीट पर दिलचस्प चुनावी लड़ाई के आसार है।

साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद करहल सीट अखिलेश यादव के पास थी। इस साल की शुरुआत में उनके लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। उनकी जगह इस बार अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ रहे हैं, जो मुलायम सिंह यादव के बड़े भाई रतन सिंह यादव के पोते और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के दामाद भी हैं।

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में लगे झटके के कारण राज्य में नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। इन सीटों पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, तो वहीं ये उपचुनाव अखिलेश यादव की पार्टी और उनके परिवार, दोनों के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया है।