मुंबई, 23 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के धुले में एक चुनावी जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक हैं, तो सेफ हैं’, का नारा दिया था। यह नारा काफी सुर्खियों में रहा। भाजपा ने जहां इस नारे की पैरोकारी की, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने इसकी मुखालफत की। महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने कहा कि महाराष्ट्र में हम लोग बिल्कुल सेफ हैं। मेहरबानी करके महाराष्ट्र को उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों की संज्ञा न दी जाए। शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत से लेकर अन्य नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नारे का विरोध किया।
वहीं, आज जब चुनावी नतीजों की घोषणा हो रही है, तो इस घोषणा में जहां एक तरफ महायुति जीत की ओर अग्रसर है, तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। इसे लेकर पार्टी में चिंतन मंथन का सिलसिला शुरू हो चुका है।
इस बीच, महाराष्ट्र में भाजपा कार्यालय के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोस्टर लगाया गया है। इसमें प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया नारा ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ लिखा हुआ है। इस पोस्टर ने महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
इसके अलावा, वाशिम शहर के पाटणी चौक में भाजपा कार्यकर्ताओं ने देवेंद्र फडणवीस का भी पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में पार्टी को मिली जीत को लेकर बधाई दी गई है।
खबर लिखे जाने तक महायुति गठबंधन को प्रदेश की 288 विधानसभा सीटों में से 222 और महाविकास अघाड़ी को 49 सीटें मिलती हुई नजर आ रही हैं। इस तरह महायुति गठबंधन के लिए महाराष्ट्र में जीत का मार्ग प्रशस्त हो चुका है।
अब इस बात को लेकर सियासी बहस छिड़ चुकी है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा। बीजेपी जहां देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की कमान सौंपे जाने की पैरोकारी कर रही है, वहीं, एकनाथ शिंदे गुट के शिवसेना के नेता एक बार फिर से एकनाथ शिंदे को ही सीएम पद की कमान सौंपे जाने की वकालत कर रहे हैं।
उनका कहना है कि महाराष्ट्र में मिली यह जीत महायुति सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का परिणाम है।
उधर, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महायुति गठबंधन को मिली जीत को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजों में कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है। एकनाथ शिंदे गुट के नेता चुनाव नहीं जीत सकते हैं।