जयपुर, 29 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी के राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने शुक्रवार को आईएएनएस से बात की। उन्होंने वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी।
वक्फ संशोधन बिल पर हो रही बहस और जेपीसी बैठकों में उठे विवादों पर प्रतिक्रिया देते हुए मदन राठौड़ ने कहा कि वक्फ बोर्ड में सभी दलों के सदस्य शामिल हैं और जेपीसी एक संयुक्त संसदीय समिति होती है, जिसमें विभिन्न दलों के प्रतिनिधियों को उनके सदस्यों की संख्या के अनुपात में शामिल किया जाता है।”
उन्होंने कहा, “जेपीसी को लेकर यह कहना कि उसमें सहमति नहीं बनती, यह पूरी तरह गलत है। जेपीसी एक संसदीय प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें बहुमत के आधार पर निर्णय लिया जाता है। जैसा कि संसद में बहुमत से फैसले लिए जाते हैं, वैसे ही जेपीसी में भी बहुमत के आधार पर सहमति बनती है।”
राठौड़ ने यह भी कहा कि सर्वसम्मति जरूरी नहीं है, लेकिन अगर कोई एतराज करता है, तो उसे उचित तरीके से दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “वक्फ बोर्ड और जेपीसी के मामलों में सभी पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल रहते हैं, लेकिन जब सहमति नहीं बनती, तो बहुमत का रास्ता अपनाना ही एकमात्र समाधान है।”
जेपीसी की रिपोर्ट संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश होने की उम्मीद थी। लेकिन, सरकार ने उसका कार्यकाल बजट सत्र तक बढ़ा दिया है।