पटना, 30 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने शनिवार को पटना विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य होना चाहिए ताकि वे समाज हित में कार्य कर सकें। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी की तलाश करने की बजाय रोजगार देने वाला बनना चाहिए। इसके लिए वे स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं।
पटना वीमेंस कॉलेज के वेरोनिका हॉल में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हम जीवन भर शिक्षा प्राप्त करते रहते हैं। शिक्षा सिर्फ पाठ्य पुस्तकों से ही नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति से प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले छात्रों से कहा कि उनकी इस उपलब्धि में उनके परिवार के सदस्यों के सहयोग, समर्थन और मार्गदर्शन की महत्वपूर्ण भूमिका है और इसके लिए उन्हें उनके प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। उन्हें अपनी उपाधि और पदक अपने अभिभावकों को समर्पित करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा, “विद्यार्थियों को अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम करना चाहिए। उनका यश, कीर्ति, प्रगति आदि समाज के कारण ही है और इन्हें समाज को ही समर्पित करना चाहिए। वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज हित में करें।”
उन्होंने कहा कि हमारे युवा नौकरी की तलाश करने की बजाय रोजगार प्रदाता बनें। इसके लिए वे मजबूत इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ें और अपनी राह खुद बनाएं। वे परेशानियों से न घबराएं, धीरे-धीरे वे दूर होती जाएंगी।
उन्होंने कहा कि हमारे युवा अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं। इसके लिए सरकार प्रोत्साहन भी दे रही है। विद्यार्थियों को उद्यमी बनने में आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय में एक एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल का गठन किया जाएगा।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में 47 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि तथा 43 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए। उन्होंने कहा कि वे अपने चरित्र और कृत्यों से पटना विश्वविद्यालय की गरिमा को बनाए रखें।
समारोह में भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष पद्मश्री चामू कृष्ण शास्त्री ने दीक्षांत अभिभाषण दिया।
इस अवसर पर पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय कुमार सिंह, कुलसचिव प्रो. भाालिनी तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।