विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलिंपियाड 2025 के पोस्टर का भव्य समारोह में हुआ अनावरण

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भोपाल : 25 फरवरी/ भारतीय कला, साहित्य और संस्कृति के साथ–साथ हिंदी भाषा को संपूर्ण विश्व में लोकप्रियता बनाने की पहल के तहत विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलिंपियाड 2025 का आयोजन 50 से अधिक देशों में विश्व रंग फाउंडेशन, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल (भारत), विश्व हिंदी सचिवालय (मॉरीशस) के संयुक्त तत्वावधान में तथा टैगोर अंतरराष्ट्रीय हिंदी केंद्र सहित विश्व की एक हजार संस्थाओं के सहयोग से ’14 सितंबर हिंदी दिवस से 30 सितंबर 2025 विश्व अनुवाद दिवस’ तक आयोजित किया जा रहा है।

इसी कड़ी में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर भोपाल में आयोजित हुए समारोह में विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलिंपियाड 2025 के पोस्टर का अनावरण स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों में वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया, विश्वरंग के निदेशक और रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के चांसलर संतोष चौबे, वरिष्ठ कवि लीलाधर मंडलोई, जितेन्द्र श्रीवास्तव, निरंजन श्रोत्रिय, मुकेश वर्मा, बलराम गुमास्ता, नीलेश रघुवंशी, महेश वर्मा, वाजदा खान, नंदकिशोर आचार्य, ए. अरविंदाक्षन, महेश दर्पण, मेजर जनरल श्याम श्रीवास्तव, रामकुमार तिवारी एवं आस्ट्रेलिया से प्रगीत कुँवर एवं भावना कुँवर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इसके अलावा हिंदी को विश्व पटल पर स्थापित करने के इस अभियान को जन जन तक पहुंचाने के लिए विश्वरंग अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलिंपियाड के पोस्टर को देश के विभिन्न राज्यों के पांच हजार से अधिक स्थानों पर माननीय राज्यपाल महोदय, माननीय मुख्यमंत्री महोदय, केन्द्र एवं राज्य सरकारों के मंत्रीगणों, कुलपति (केन्द्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालय), राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (IIT, NIT, IIM आदि), माननीय सांसद महोदय, प्रमुख सचिव एवं आयुक्त स्कूल शिक्षा, जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्टर/CO, माननीय विधायकगण, स्कूल/कॉलेज के प्रिंसिपल, सरपंच/पंच एवं वार्ड प्रतिनिधि, साहित्यकार एवं कलाकार एवं विशिष्ट क्षेत्र के शीर्षस्थ व्यक्तियों द्वारा पोस्टर का अनावरण किया जा रहा है।

इस संबंध में बात करते हुए विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे ने कहा कि भारतीय कला, साहित्य और संस्कृति के साथ-साथ हिंदी भाषा ने संपूर्ण विश्व में लोकप्रियता के नए आयाम गढ़े हैं। विदेशों में भारतीय कला, साहित्य, संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को जानने तथा इसके लिए हिंदी भाषा सीखने वालों की संख्या काफी बढ़ी है। यह बहुत सुखद है कि हिंदी वैश्विक स्तर पर रोजगारमूलक भाषा के रूप में भी स्थापित हो रही है। वैश्विक स्तर पर साहित्य, कला और संस्कृति के लिए समर्पित “विश्वरंग” महोत्सव ने अपने छह संस्करणों में हिंदी और भारतीय भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में वैश्विक नई जमीन तैयार की है। इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़ने हुए अंतरराष्ट्रीय हिंदी ओलंपियाड की पहल की गई है।