नई दिल्ली, 28 सितंबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर का राग अलापा। इस पर विदेशी मामलों के जानकार मेजर जनरल डॉक्टर जेके बंसल ने इसे पाकिस्तान की अंदरूनी कमजोरी बताया है।
उन्होंने आईएएनएस से विशेष बातचीत करते हुए कहा, “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अक्सर बिना वजह की बातें करते हैं। कभी कश्मीर का मुद्दा उठाते हैं, तो कभी कहते हैं कि भारत सैन्य आक्रमण कर सकता है या सीमित युद्ध हो सकता है। दरअसल, पाकिस्तान अंदर से बहुत कमजोर हो चुका है, उनकी सेना के पास पेट्रोल की कमी है और अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। हाल के चुनावों में हुई धांधली को देखते हुए, वे जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए कश्मीर जैसे मुद्दों का सहारा लेते हैं। हालांकि, जब जम्मू-कश्मीर में हमारे चुनाव हुए थे, तब पाकिस्तान ने टेरर फैलाने की कोशिश की। वे हमेशा 2001 में संसद पर हमले और 2008 में मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार हैं। उनके आरोप बेबुनियाद हैं। जैसा कि उन्होंने कहा कि धारा 370 को दोबारा लगाना चाहिए। लेकिन, हकीकत यह है कि धारा 370 हटाने के बाद कश्मीर में खुशहाली आई है। वहां व्यापार और पर्यटन बढ़ा है, और लोग खुश हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान को यह भी चिंता है कि पीओके में लोग भारत के साथ आना चाहते हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि उनके देश की स्थिति इतनी खराब है कि वे खुद को संभाल नहीं पा रहे हैं। 1971 में बांग्लादेश का विभाजन भी उनके लिए एक बड़ा झटका था। हिलेरी क्लिंटन ने भी पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि वे आतंकवादियों को अपने आंगन में पालना बंद करें, क्योंकि यह अंततः उन्हें ही नुकसान पहुंचाएगा।
पाकिस्तान के अंदरूनी मामलों की बात करते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में आंतरिक समस्याएं बढ़ रही हैं, और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान लगातार हमले कर रहा है। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें खाने के लिए भी परेशानी हो रही है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की सैन्य ताकत को लेकर चिंता जताई है, लेकिन भारत कभी पहले हमला नहीं करता। जो आतंकवाद फैलाते हैं, उसका परिणाम उसे भुगतना पड़ता है। भारत ने पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक की है। पाकिस्तान खुद बातचीत की बात करता है, लेकिन वे आतंकवाद का सहारा लेकर चल रहे हैं। इसलिए, दुनिया उनके बयानों को गंभीरता से नहीं लेती। उनकी बातें हंसी के लायक हैं, और कोई उन्हें सुनने को भी तैयार नहीं है।”
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि “स्थायी शांति को सुनिश्चित करने” के लिए भारत को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस ले लेना चाहिए। भारत को इस मुद्दे के “शांतिपूर्ण” समाधान के लिए पाकिस्तान से बातचीत शुरू करनी चाहिए।