नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)। गोल-गोल और हरी चमकती पत्तियों की खूबसूरती से आप भले ही मोहित हों लेकिन इनकी औषधीय खूबियों से अनजान होंगे। जी हां! हम बात कर रहे हैं स्वास्थ्य के लिए वरदान शीशम के बारे में जो, कई समस्याओं को खत्म करता है। आयुर्वेदाचार्य शीशम को औषधीय गुणों से भरपूर बताते हैं।
पंजाब स्थित ‘बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल’ के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी ने शीशम को स्वास्थ्य के लिए वरदान बताते हुए विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया, “आयुर्वेद में शीशम का इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में किया जाता है। आयुर्वेद में इसके पत्तों, छाल और बीज का इस्तेमाल भी कई रोगों के इलाज में किया जाता है। इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं।“
उन्होंने आगे बताया, “पाचन संबंधित समस्याओं जैसे पेट में जलन, वात, अपच, कब्ज हो रही हो, तो शीशम के पत्तों से बने काढ़े को पीने से कई राहत मिलती है और इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है। यदि आपको मुंह से संबंधित समस्याएं हैं तो इसके रस से राहत भी मिलती है। इसके लिए पत्तों को चबाना फायदेमंद रहता है।“
प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के अनुसार, आंखों की बीमारी में राहत के लिए भी शीशम का इस्तेमाल किया जा सकता है। शीशम का तेल त्वचा संबंधित रोगों में भी राहत देता है। इससे खुजली ठीक होती है और दाग भी मिट जाते हैं। वहीं, काढ़े के सेवन से महिलाओं में होने वाले लिकोरिया की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है।
वैद्य जी की मानें तो दस्त को रोकने के लिए भी शीशम का उपयोग किया जा सकता है। इसका काढ़ा पीने से लाभ मिलता है। इससे मूत्र संबंधी व्याधि दूर करने में शीशम उपयोगी साबित होता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी ठीक रहता है और रक्त विकार को दूर करता है।
आयुर्वेदाचार्य ने बताया, “शीशम का रस शरीर को अंदर से साफ करने में मदद करता है। पत्तों से बने काढ़े को पीने से अर्थराइटिस के दर्द और सूजन से राहत मिलती है। इन चमकीले हरे पत्तों को सेंककर सीधे जोड़ों पर लगाने से भी आराम मिलता है।”