पटना, 14 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार में वोटों की गिनती में एनडीए की बढ़त पर कांग्रेस नेताओं में हताशा साफ दिखने लगी है। एनडीए के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए कांग्रेस नेता निखिल कुमार ने अपनी पार्टी के संगठन को कमजोर बताया है। उन्होंने दावा किया कि अगर अच्छे उम्मीदवारों का चयन किया जाता तो आज स्थिति बेहतर होती।
शुक्रवार दोपहर 1 बजे तक भाजपा 90, जदयू 79 और लोजपा (रामविलास) 20 सीटों पर आगेहैं।। भारतीय चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार एनडीए को भारी बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है।
पटना में आईएएनएस से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता निखिल कुमार ने कहा कि हमारी संगठन की कमजोरी के कारण ऐसा चुनाव परिणाम आ रहा है। जिन उम्मीदवारों का चयन हुआ, वे अच्छे उम्मीदवार हैं, लेकिन और बेहतर उम्मीदवारों का चयन किया जा सकता था। पूरी तरह से संगठन फेल रहा।
उन्होंने कहा कि कोई भी चुनाव हो, एक संगठन होता है, हम उस पर निर्भर करते हैं। अगर वह कमजोर हो तो कैसे चलेगा?
हमारे मौजूदा उम्मीदवार अच्छे हैं, यह अलग बात है कि उम्मीदवारों के चयन में हम और बेहतर चुन सकते थे, जो नहीं चुने गए। चुनाव को कैसे लड़ा जाए, होशियारी से काम करना चाहिए था। जो भी सीटें मिली थीं, उन पर बेहतर काम करना चाहिए था।
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह तो बस शुरुआत है और हम इंतजार कर रहे हैं। रुझान बता रहे हैं कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बिहार की जनता पर प्रभाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी चुनाव का परिणाम नहीं आया है। इंतजार करते हैं। एसआईआर और ‘वोट चोरी’ जैसे मुद्दों के बावजूद जनता ने अदम्य साहस दिखाया है। ज्ञानेश कुमार गुप्ता कितने कारगर साबित होंगे, यह देखना बाकी है। यह मुकाबला भारत के चुनाव आयोग और बिहार की जनता के बीच है।

