नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान से स्वदेश लौटने के बाद दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में घायलों से मिलने के लिए एलएनजेपी अस्पताल जाएंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री सुरक्षा मामलों की कैबिनेट बैठक में भी शामिल हो सकते हैं।
इससे पहले, पहले दो दिवसीय दौरे पर भूटान गए प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के पास हुए ब्लास्ट मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही थी। उन्होंने सख्त संदेश देते हुए कहा था कि इस ब्लास्ट में संलिप्त आरोपियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में लाल किले के ब्लास्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि आज मैं बहुत ही भारी मन से यहां आया हूं। मैं प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा हूं। इस दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। इस ब्लास्ट को अंजाम देने वाले किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा, जो इसके जिम्मेदार हैं, उन्हें जरूर सख्त सजा मिलेगी।
बता दें कि देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट की जद में आकर कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। घायलों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच का जिम्मा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है। इससे पहले, इस ब्लास्ट की जांच के लिए एक टीम भी गठित की गई थी, जिसमें 500 से ज्यादा अधिकारी और जवान शामिल किए गए थे।
लाल किले के पास हुए ब्लास्ट से पहले जांच एजेंसियों ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक डॉक्टर के फ्लैट से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। फरीदाबाद के इस टेरर मॉड्यूल में संलिप्त दो डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं। वहीं, इन दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की तरफ से आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है।

