नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस दौरान दिल्ली धमाके की निंदा के साथ कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पारित किए गए। साथ ही कैबिनेट ने चार महत्वपूर्ण खनिजों, ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम के लिए रॉयल्टी दरों को तर्कसंगत बनाने को मंजूरी दे दी।
केंद्र सरकार ने दुर्लभ खनिज यानी रेयर मिनरल्स को लेकर भी बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने ग्रेफाइट, सीजियम, रुबिडियम और जिरकोनियम जैसे महत्वपूर्ण खनिजों पर रॉयल्टी दरें तय कर दी हैं। कैबिनेट ने यह फैसला क्रिटिकल मिनरल्स मिशन के तहत लिया है। इस फैसले से इन खनिजों के ब्लॉक की नीलामी तेज होने की संभावना है। इससे लिथियम, टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व और नाइओबियम जैसे दूसरे महत्वपूर्ण खनिजों का भी फायदा होगा।
संशोधित रॉयल्टी दरों के अनुसार, सीजियम और रुबिडियम, प्रत्येक पर उत्पादित अयस्क में निहित संबंधित धातु के औसत विक्रय मूल्य (एएसपी) के आधार पर 2 प्रतिशत रॉयल्टी लगेगी।
कैबिनेट के अनुसार जिरकोनियम पर एएसपी की 1 प्रतिशत रॉयल्टी दर होगी, जबकि ग्रेफाइट पर 80 प्रतिशत या उससे अधिक स्थिर कार्बन वाले अयस्क के लिए एएसपी का 2 प्रतिशत और 80 प्रतिशत से कम स्थिर कार्बन वाले अयस्क के लिए 4 प्रतिशत रॉयल्टी दर लागू होगी।
दरअसल, सरकार का मानना है कि ग्रेफाइट पर एड वेरोरम (बाजार मूल्य के अनुसार) रॉयल्टी तय करने से अलग-अलग ग्रेड के ग्रेफाइट के मार्केट रेट के हिसाब से रॉयल्टी कनेक्शन होगा। इससे घरेलू उत्पादन तो बढ़ेगा ही, साथ ही आयात पर निर्भरता भी कम होगी। सप्लाई चेन की परेशानियां भी घटेंगी और नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
ग्रेफाइट इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरी में एक महत्वपूर्ण घटक है। यह मुख्य रूप से एनोड सामग्री के रूप में काम आता है, इससे उच्च चालकता और चार्ज क्षमता सक्षम बनती है। हालांकि, भारत ग्रेफाइट की अपनी आवश्यकता का 60 प्रतिशत आयात करता है। वर्तमान में, देश में ग्रेफाइट की नौ खदानों में काम चल रहा है और 27 ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी हो चुकी है। इसके अलावा, जीएसआई और एमईसीएल ने 20 से अधिक ग्रेफाइट ब्लॉक सौंपे हैं, इनकी नीलामी की जाएगी और लगभग 26 ब्लॉकों की खोज की जा रही है।
जिरकोनियम एक बहुमुखी धातु है और इसका उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। इसमें परमाणु ऊर्जा, एयरोस्पेस, स्वास्थ्य देखभाल और विनिर्माण शामिल हैं। असाधारण संक्षारण प्रतिरोध और उच्च तापमान स्थिरता के कारण सीजियम का उपयोग मुख्य रूप से उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में किया जाता है, विशेष रूप से परमाणु घड़ियों, जीपीएस सिस्टम, अन्य उच्च परिशुद्धता उपकरणों के साथ-साथ कैंसर चिकित्सा सहित अन्य चिकित्सा उपकरणों आदि में। रुबिडियम का उपयोग फाइबर ऑप्टिक्स, दूरसंचार प्रणाली, नाइट विजन उपकरणों आदि में उपयोग किए जाने वाले विशेष चश्मे बनाने में किया जाता है।
हाल ही में, केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी के छठे चरण के लिए 16 सितंबर को एनआईटी जारी की है। इसमें ग्रेफाइट के पांच ब्लॉक, रुबिडियम के दो ब्लॉक और सीजियम और जिरकोनियम के एक ब्लॉक (विवरण संलग्न) भी शामिल हैं। रॉयल्टी की दर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद बोली लगाने वालों को नीलामी में अपनी वित्तीय बोलियां तर्कसंगत रूप से जमा करने में मदद मिलेगी।

