नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 31.60 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी राजेश बोथरा को गिरफ्तार किया है। राजेश बोथरा ने कंपनी फ्रॉस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एफआईईएल) और उसके निदेशकों के साथ मिलकर साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
सीबीआई ने शुक्रवार को प्रेस जानकारी दी कि आरोपी राजेश बोथरा को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया। आरोपी के भारत आने और दिल्ली स्थित एयरो सिटी के होटल अंदाज एंड हयात रेजिडेंस में होने की सूचना मिली थी। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए जांच एजेंसी ने आरोपी को गिरफ्तार किया।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि पीएनबी ने फ्रॉस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एफआईईएल) कंपनी और उसके डायरेक्टर समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत दी थी और आरोप लगाए कि बैंक से एफएलसी सीमा का लाभ उठाकर 31.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई। इस शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था।
सीबीआई के अनुसार, जांच से पता चला कि आरोपी राजेश बोथरा ने एफआईईएल की अन्य कंपनियों के साथ बिक्री-खरीद में लेनदेन को गलत तरीके से दर्शाकर फर्जी बिल ऑफ लैडिंग उपलब्ध कराए। एफआईईएल की ओर से ये फर्जी बिल ऑफ लैडिंग बैंक में दिए गए, जिससे एफआईईएल को एलसी की आय का गबन करने में मदद मिली, जिससे पीएनबी (ई-ओबीसी) को लगभग 32 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
जांच से पता चला है कि अन्य कंपनियों को वास्तव में राजेश बोथरा की ओर से नियंत्रित और संचालित किया जा रहा था और कोई वास्तविक व्यवसाय या माल की आवाजाही नहीं हुई थी।
राजेश बोथरा लखनऊ में सीबीआई और एसीबी के अन्य मामलों में भी आरोपी है, जिनमें अन्य आरोपियों के साथ उसके खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। सीबीआई के अनुसार, आरोपी राजेश बोथरा अन्य मामलों की जांच में कभी शामिल नहीं हुआ और न ही मुकदमे के दौरान पेश हुआ।
सीबीआई ने एक बयान में कहा कि वह कानूनी प्रक्रिया से बच नहीं पाएगा। आरोपी राजेश बोथरा की गिरफ्तारी से उसकी पूछताछ सुनिश्चित होगी और निचली अदालतों में पेश किया जाएगा।

