सीएम प्रेम सिंह तमांग न्यायपालिका के फैसले का कर रहे अपमान : कृष्णा खरेल

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गंगटोक, 11 अगस्‍त (आईएएनएस)। सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) ने मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को चुनौती दी है कि यदि वह सचमुच मानते हैं कि उन्हें 2017-18 में गलत तरीके से जेल में डाला गया था, तो न्यायपालिका को जवाबदेह ठहराएं।

प्रेम सिंह तमांग को गाय वितरण से जुड़े एक मामले में दोषी ठहराया गया था। वह 1990 के दशक के अंत में एसडीएफ सरकार में पशुपालन विभाग के मंत्री थे। उन्हें 2017 में दोषी ठहराया गया था और तब से वे यह कहते आ रहे हैं कि उन्हें दोषी ठहराना एक राजनीतिक साजिश थी, क्योंकि वह उस समय एसडीएफ सरकार का विरोध कर रहे विपक्षी दल सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के नेता थे।

सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसडीएफ प्रवक्ता कृष्णा खरेल ने कहा कि प्रेम सिंह तमांग की दोषसिद्धि और कारावास उचित कानूनी प्रक्रिया के तहत हुई है। अगर मुख्यमंत्री को लगता है कि फैसला किसी साजिश से प्रभावित था, तो उन्हें अदालत में वापस आना चाहिए, अपना पक्ष रखना चाहिए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। अन्यथा फैसले पर सवाल उठाना न्यायपालिका का अपमान है।

उन्होंने कहा कि एक मौजूदा मुख्यमंत्री द्वारा न्यायिक फैसलों को खुलेआम चुनौती देना संवैधानिक अधिकारों का दुरुपयोग है। अगर न्यायपालिका संज्ञान ले तो ऐसे कार्यों को दंडित कर सकती है।

खरेल ने महिलाओं को वास्तविक सशक्तीकरण योजना प्रदान करने में विफल रहने के लिए प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की।

एसडीएफ प्रवक्ता ने प्रेम सिंह तमांग द्वारा 10 अगस्त, 2018 को जेल से रिहा होने की तारीख को ‘जन मुक्ति दिवस’ मनाने को सरकारी धन से संचालित एक राजकीय कार्यक्रम बताकर निशाना साधा।

उन्होंने दावा किया कि सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल मूलतः एक राजनीतिक कार्यक्रम के लिए किया गया।

खरेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने 32,000 लाभार्थियों को 4 करोड़ रुपए के लाभ वितरित करने के लिए 6 करोड़ रुपए खर्च किए। सरकार एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी की तरह काम कर रही है, जिसमें मुख्यमंत्री इवेंट मैनेजर हैं।

उन्होंने एसडीएफ समर्थकों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं का भी जिक्र करते हुए सत्तारूढ़ दल पर राजनीतिक स्टंट के लिए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।