नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बुधवार को दिल्ली सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस अहम बैठक में राजधानी दिल्ली के एकीकृत और नागरिक-केंद्रित डिजिटल गवर्नेंस को जन कल्याणकारी बनाने की दिशा में रोडमैप तैयार किया गया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य डिजिटल गवर्नेंस को एकीकृत, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए प्रमुख पहलों को गति प्रदान करना रहा, जिससे जन-कल्याणकारी सेवाओं की डिलीवरी बेहद सरल हो सके और सभी सरकारी विभागों के बीच समन्वय को और बेहतर किया जा सके।
बैठक के दौरान दिल्ली के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने देश के अन्य राज्यों में चल रहे डिजिटल पहलों पर भी विस्तार से चर्चा की। बैठक में शामिल अधिकारियों ने जानकारी दी कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र में चल रहे आईटी सुधारों का बारीकी से अध्ययन किया है और देश के अग्रणी राज्यों का अध्ययन करने के लिए दौरा करने की भी योजना तैयार की गई है, ताकि उनके सफल डिजिटल गवर्नेंस मॉडलों और उच्च तकनीक को अपनाया जा सके। अन्य राज्यों से मिले अनुभवों के आधार पर दिल्ली में एक बेहद उन्नत और डेटा-आधारित डिजिटल प्रणाली विकसित हो सकेगी।
पंकज कुमार सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कुशल नेतृत्व में हमारी सरकार का लक्ष्य दिल्ली को पूरे देश में डिजिटल गवर्नेंस का सबसे आदर्श मॉडल बनाना है। दिल्ली का आईटी विभाग सभी सरकारी विभागों को आपस में जोड़ने वाला एक मजबूत एकीकृत डिजिटल तंत्र विकसित कर रहा है, जो सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ ही दिल्ली के प्रत्येक नागरिक को तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाने का भी काम करेगा। मंत्री ने कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों के सफल डिजिटल मॉडलों से हम सीख लेकर ऐसा शासन ढांचा तैयार कर रहे हैं जो हर दिल्लीवासी तक कुशलता, जवाबदेही और सरलता के साथ पहुंचे।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के डिजिटल रिफॉर्म के केंद्र में एक ऐसा सेंट्रलाइज्ड सूचना प्रौद्योगिकी ढांचा विकसित करने की योजना है, जो सभी विभागों के डेटा, योजनाओं और नागरिक सेवाओं को जोड़ सके, जिसका मुख्य उद्देश्य एक सेंट्रलाइज्ड लाभार्थी डेटाबेस कमांड सिस्टम बनाना है, जो प्रत्येक नागरिक को राजधानी दिल्ली में चल रही और आगामी जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी स्वतः उपलब्ध करा सके, ताकि सरकारी नीतियों के क्रियान्वयन में तेजी आने के साथ समावेशिता और सटीकता भी सुनिश्चित हो सके।
बुधवार की समीक्षा बैठक में उन्होंने आईटी विभाग से संबंधित प्रमुख परियोजनाओं जैसे यूनिफाइड डेटा हब (यूडीएच), कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), इंटीग्रेशन, डिजिटल एसेट मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम और अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) इंटीग्रेशन की बारीकी से समीक्षा की, जो दिल्ली के डिजिटल भविष्य की प्रमुख आधारशिलाएं हैं।
उन्होंने बताया कि यूडीएच को एक केंद्रीकृत और इंटेलिजेंट प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो विभिन्न विभागों से प्राप्त डेटा को एकीकृत करेगा, ताकि लाभार्थियों का सटीक डेटाबेस रिकॉर्ड तैयार हो सके। दिल्ली सरकार की यह परियोजना डुप्लिकेट प्रविष्टियों को हटाने के साथ सरकारी सब्सिडी के वितरण में सटीकता लाने का काम करने के साथ योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेगी। दिल्ली सरकार का आईटी विभाग पहले ही महाराष्ट्र टीम के साथ अपने विचार को साझा कर चुका है। साथ ही चंडीगढ़ और जयपुर का दौरा कर अध्ययन का काम कर रहा है, ताकि डिजिटल गवर्नेंस के सबसे उन्नत मॉडलों की गहनता से समीक्षा और परियोजना को लागू कर सके।
वहीं, सीएससी इंटीग्रेशन परियोजना का उद्देश्य डिजिटल सेवाओं को समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित करना है। इस परियोजना के अंतर्गत हर नागरिक दिल्ली भर में कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से ई-डिस्ट्रिक्ट सेवाओं का लाभ बेहद आसानी से उठा सकेगा। प्रदेश सरकार की यह पहल विशेष रूप से उन नागरिकों के लिए उपयोगी होगी, जिनके पास निजी डिजिटल का कोई साधन मौजूद नहीं है। लगभग 75 नागरिक सेवाओं को इस प्लेटफॉर्म में शामिल किया जा रहा है। फिलहाल, एमओयू की प्रक्रिया चल रही है और बहुत जल्द इसे सार्वजनिक रूप से शुरू कर दिया जाएगा।
डिजिटल एसेट मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम का मुख्य उद्देश्य दिल्ली सरकार के सभी सरकारी विभागों और एजेंसियों के अचल संपत्तियों का डिजिटल डेटाबेस तैयार करना है। डीएएमआईएस प्रणाली सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ाने के साथ परिसंपत्तियों के समुचित उपयोग में मदद करेगी और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने का काम करेगी।
दिल्ली में व्यवसाय करने में सरलता और निविदा प्रक्रिया को बेहद सरल बनाने के लिए आईटी विभाग ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) सुविधा को एकीकृत कर रहा है। यह पहल निविदा करने वालों के लिए भुगतान और सत्यापन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बना देगी, जिससे लेनदेन का वास्तविक समय में पुष्टि हो सकेगा और मैनुअल प्रक्रिया की जरूरत खत्म होगी। दिल्ली सरकार के इस डिजिटल सुधार से निविदाकारों को भौतिक डिमांड ड्राफ्ट जमा करने की अनिवार्यता से भी मुक्ति मिल सकेगी, जिससे निविदा प्रक्रिया तेज, पारदर्शी और पूर्णतः पेपरलेस हो जाएगी।
मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि सामूहिक रूप से हमारी सरकार की ये सभी पहलें दिल्ली को डिजिटल रूप से बेहद सशक्त, पारदर्शी और जवाबदेह ई-गवर्नेंस प्रणाली की दिशा में एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मार्गदर्शन और आईटी विभाग के तहत दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी को डिजिटल जनसेवा और नवाचार का अग्रणी केंद्र बनाने की दिशा में हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

