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कोविड वैक्सीन से होने वाली दिल की बीमारी को लेकर और अधिक अध्ययन की जरूरत : विशेषज्ञ

Dec
11 2022

नई दिल्ली, 11 दिसंबर (आईएएनएस)। कई स्टडीज में युवाओं को दूसरी डोज मिलने के बाद दिल की बीमारी से पीड़ित होने की बात कही गई हैं, लेकिन टॉप डॉक्टर्स का कहना है कि यह साबित करने के लिए कोई बड़ा अध्ययन नहीं है।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के जर्नल ने खुलासा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज के बाद मायोकार्डिटिस, पेरिकार्डिटिस या मायोपेरिकार्डिटिस का खतरा अधिक है।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दूसरी डोज से हृदय की मांसपेशियों में सूजन और हृदय के आवरण से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

अन्य स्टडीज ने भी इन घटनाओं को लगभग 3 से 5 प्रति हजार जनसंख्या पर रिपोर्ट किया है, जो इसे एक दुर्लभ घटना बनाते हैं।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मामलों का समय पर इलाज किया गया है, जिसके चलते मौत का मामला अभी तक सामने नहीं आया है, हालांकि इनमें से अधिकांश मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी है।

माहिम के एसएल रहेजा अस्पताल के सलाहकार और क्रिटिकल केयर प्रमुख डॉ. संजीत ससीधरन ने आईएएनएस को बताया, दूसरे शब्दों में, ये मामले अपेक्षाकृत अलग है, और उनमें से अधिकांश मरीज साधारण इलाज के साथ ठीक हो गए।

क्या इस स्थिति के लिए लॉन्ग टर्म प्रभाव हैं या नहीं, यह तो समय ही बताएगा।

डॉ ससीधरन ने कहा, यह जटिलता युवा व्यक्तियों में अधिक देखी जाती है, शायद इसलिए कि उनके पास अधिक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली होती है, जो कभी-कभी विकृत जलन का कारण बन सकती है।

स्वस्थ, युवा और मध्यम आयु वर्ग के भारतीयों में दिल के दौरे और स्ट्रोक के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। पिछले सप्ताह एक नए सर्वे से पता चला कि इस नए स्वास्थ्य आपातकाल से गैर-टीकाकृत और टीकाकृत दोनों लोग प्रभावित हुए हैं।

लगभग 51 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उनके करीबी नेटवर्क में एक या एक से अधिक व्यक्ति हैं, जिन्होंने पिछले दो वर्षों में दिल या मस्तिष्क के स्ट्रोक, रक्त के थक्के, तंत्रिका संबंधी जटिलताओं, कैंसर, या अन्य अचानक चिकित्सा स्थितियों का अनुभव किया है।

सोशल कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल्स के सर्वे के अनुसार, 62 प्रतिशत नागरिकों ने कहा कि उनके नेटवर्क में ऐसी स्थिति विकसित हुई है, जिन्हें डबल टीका लगाया गया था, 11 प्रतिशत ने कहा कि प्रभावित लोगों को सिंगल डोज का टीका लगाया गया था, जबकि 8 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें टीका नहीं लगाया गया।

हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार, हार्ट अटैक से अप्रत्याशित रूप से मरने वाले लोगों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जो चिंता का विषय है।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी के निदेशक और प्रमुख डॉ. संजीव गेरा के अनुसार, कोविड या लॉन्ग कोविड दिल की धमनियों को लगातार प्रभावित कर बड़ी परेशानी पैदा कर सकता है।

गेरा ने आईएएनएस को बताया, यह साइलेंट ब्लॉकेज को तोड़ सकता है और दिल के दौरे का कारण बन सकता है, विशेष रूप से भारी वजन उठाने या ट्रेडमिल पर चलने जैसे व्यायाम के बाद और हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान या मोटापा जैसे दिल से संबंधित बीमारियों के जोखिमों को बढ़ाता है।

ससीधरन ने कहा कि फिलहाल, कोई महत्वपूर्ण सबूत मौजूद नहीं है कि इस स्थिति का कोई प्रतिकूल परिणाम हो सकता है, क्योंकि टीके के लाभ जोखिम से बहुत अधिक हैं।

--आईएएनएस

पीके/एसकेपी

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