नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय भूटान दौरे के बाद वतन लौट रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे पर भारत ने आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम सहित भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अटूट समर्थन दिया। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच तीन समझौतों पर डील पक्की हुई है।
विदेश मंत्रालय की ओर से साझा जानकारी के अनुसार भारत ने गेलेफू में निवेशकों और लोगों की आवाजाही को आरामदेह बनाने के लिए असम के हतिसार में एक आव्रजन जांच चौकी स्थापित करने के निर्णय की घोषणा की।
दोनों देशों के बीच 1200 मेगावाट की पुनात्सांगछू-I जलविद्युत परियोजना के मुख्य बांध ढांचे पर काम फिर से शुरू करने को लेकर सहमति बनी है। परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए काम करने पर दोनों देशों ने हामी भरी है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद, पुनात्सांगछू-I दोनों सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी।
वहीं भारत सरकार ने भूटान में ऊर्जा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए 40 बिलियन भारतीय रुपए की रियायती लोन की मदद का ऐलान किया है। भूटान में जलविद्युत परियोजनाओं में भारतीय कंपनियों की सक्रिय भागीदारी रहेगी।
पीएम मोदी और महामहिम नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने 11 नवंबर को भगवान बुद्ध के पवित्र पिपराह अवशेषों की गरिमामय उपस्थिति में 1020 मेगावाट की पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया।
भूटान में पुनात्सांगछू नदी पर स्थित यह जलविद्युत परियोजना भूटान की बिजली उत्पादन क्षमता में लगभग 40 प्रतिशत तक की वृद्धि करेगी।
यह परियोजना जलविद्युत के क्षेत्र में भूटान और भारत के बीच मित्रता और सहयोग को दर्शाती है। उन्होंने पुनात्सांगछू-II से भारत को बिजली के निर्यात करने की शुरुआत की सराहना की।
बता दें, दोनों पक्षों ने मार्च 2024 के ऊर्जा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन को लेकर भी चर्चा किया।
दोनों पक्षों ने एकीकृत चेक पोस्टों की स्थापना सहित सीमा पार संपर्क में सुधार और सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विस्तार के महत्व पर जोर दिया।
इससे पहले दोनों पक्षों ने सितंबर 2025 में सीमा पार रेल संपर्क (गेलेफू-कोकराझार और समत्से-बानरहाट) की स्थापना पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर और उसके बाद परियोजना के कार्यान्वयन के लिए परियोजना संचालन समिति की स्थापना की थी।
दोनों देशों ने एसटीईएम, फिनटेक और स्पेस जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। दोनों देशों के बीच यूपीआई के दूसरे चरण पर भी काम जारी है। इसके तहत भारत आने वाले भूटानी नागरिकों को क्यूआर कोड स्कैन करके स्थानीय मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करके भुगतान करने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी के दौरे पर इसे लेकर भी चर्चा हुई।
भारत सरकार ने राजगीर में रॉयल भूटान मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा और भूटानी मंदिर एवं गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए वाराणसी में भूमि देने का ऐलान किया है।
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच तीन समझौते हुए हैं। भारत और भूटान ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग और संस्थागत संबंध निर्माण को लेकर एमओयू पर मुहर लगाई है।

