टोक्यो, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। जापान के वकीलों ने सोमवार को देश कई उच्च न्यायालयों में मुकदमे दायर कर आम चुनाव के परिणामों को रद्द करने और दोबारा मतदान की मांग की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने क्योडो न्यूज के हवाले से बताया कि वकील सोमवार को देश भर में 14 उच्च न्यायालयों और उनकी शाखाओं में मुकदमे दायर करने का काम पूरा कर लेंगे। वे सभी 289 एकल-सीट वाले निर्वाचन क्षेत्रों के परिणामों को चुनौती देंगे। उनका तर्क है कि ‘वोट वजन’ में असमानता संविधान के तहत समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है।
रिपोर्ट में कहा गया कि निचला सदन चुनाव के लिए अधिकतम ‘वोट वजन’ असमानता 2021 के चुनाव की तुलना में थोड़ी कम होकर 2.06 गुना हो गई। इसका कारण सीमा परिवर्तन और एकल-सीट वाले निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्वितरण को बताया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में लागू किए गए संशोधित कानून के तहत पांच प्रान्तों में 10 एकल-सीट वाले चुनावी जिलों को जोड़ा गया जबकि 10 प्रान्तों में से प्रत्येक में एक को काट दिया।
वहीं अन्य 10 प्रान्तों में सीमाओं को फिर से तय किया गया, जिससे कुल 140 निर्वाचन क्षेत्र प्रभावित हुए।
संशोधन का उद्देश्य देश के भीतर घनी और कम आबादी वाले जिलों के बीच वोट असमानता को 2.0 गुना के स्तर से कम करना है।
डाले गए वोटों के वजन में बड़ी असमानताओं के कारण कई मुकदमे हुए, जिनमें दावा किया गया कि वे संविधान का उल्लंघन करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक 2021 के निचले सदन के चुनाव में 2.08 गुना का अधिकतम अंतर संवैधानिक था, क्योंकि संसद ने वोटों के वजन में अंतर को दूर करने के प्रयास किए थे।
शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया कि 2009, 2012 और 2014 के निचले सदन के चुनाव, जहां वोटों का अंतर 2.0 गुना से अधिक था, संवैधानिक रूप से समस्याग्रस्त थे, उन्होंने कहा कि वे ‘असंवैधानिकता की स्थिति’ में थे। हालांकि इसने कभी भी चुनाव परिणामों को रद्द नहीं किया।