नई दिल्ली, 18 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली वक्फ बोर्ड से जुड़े एक धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गुरुवार शाम आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी की खबरों के बीच पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज तथा गोपाल राय उनके आवास पर पहुंचे।
खान गुरुवार सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे थे। हालांकि, खबर लिखे जाने तक उनकी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
ओखला इलाके में खान के आवास के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा आप को नष्ट करना चाहती है।
सिंह ने कहा, “यह मामला 2016 से बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को सूचित किया है कि उसके पास 50 बयान हैं, लेकिन सबूतों का अभाव है। इसके बावजूद न्यूज रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह एक आधारहीन मामला है, क्योंकि ईडी के पास सबूत नहीं हैं।”
आप सांसद ने कहा, “आप प्रभावित परिवार के साथ एकजुटता से खड़ी है। कुछ आधिकारिक जानकारी मिलने के बाद हम शुक्रवार को एक व्यापक (मीडिया) ब्रीफिंग करेंगे।”
भारद्वाज ने कहा कि इस मामले में किसी नकद लेनदेन का कोई जिक्र नहीं है।
उन्होंने कहा, “अगर कोई धन शोधन नहीं है, तो मुद्दा क्या है? संजय सिंह को छह महीने की जेल हुई… अमानतुल्ला खान को भी इसी आधार पर गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। वे खान को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने से रोकने के लिए गिरफ्तार करेंगे।”
यह आरोप लगाते हुए कि ईडी और भाजपा एक ही संस्था हैं, गोपाल राय ने कहा, “भाजपा लोकसभा चुनाव में देश के लोगों से कड़ी प्रतिक्रिया की आशंका से चिंतित है। वक्फ बोर्ड मामले में अब तक धन शोधन का कोई जिक्र नहीं है। भाजपा विपक्ष के प्रचार प्रयासों में बाधा डालने की कोशिश कर रही है।”
खान के आवास पर पहुंचने से पहले सिंह ने ट्वीट किया, ”मोदी सरकार पूरी तरह से ऑपरेशन लोटस में लगी हुई है। मंत्रियों और विधायकों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है। ईडी द्वारा अमानतुल्ला खान के खिलाफ बेबुनियाद मामला बनाकर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है। तानाशाही जल्द खत्म होगी। मैं उनके परिवार से मिलने जा रहा हूं।”
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में आप विधायक द्वारा ईडी के समन में शामिल नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए खान को कोई राहत देने से इनकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने खान के वकील से कहा था, “बार-बार समन जारी किया गया लेकिन आप उपस्थित नहीं हुए। यह गलत है। हम इसे कैसे माफ कर सकते हैं।”