नोएडा, 4 जून (आईएएनएस)। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की पहली आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए बुधवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम पहुंचे प्रशंसकों के बीच स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ और उसमें हुई मौतों पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने घटना के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार की बदइंतजामी को जिम्मेदार ठहराया है।
शहजाद पूनावाला ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में इस भगदड़ को लेकर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कर्नाटक सरकार से सवाल किया कि जब इन्हें पता था कि इतनी बड़ी संख्या में प्रशंसक पहुंचेंगे, तो इन्हें नियंत्रित करने के लिए कोई पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए हैं, न ही वहां किसी भी प्रकार की मेडिकल सुविधा उपलब्ध थी, जिससे राज्य सरकार की लापरवाही साफ जाहिर होती है।
उन्होंने कहा कि इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि यह एक मानव निर्मित लापरवाही है, जिसमें पूरी तरह से राज्य सरकार की कोताही शामिल है। अगर राज्य सरकार ने समय रहते गंभीरता बरती होती, तो आज निश्चित तौर पर इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं हुई होती।
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार और गृह मंत्री को इस भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जब राज्य सरकार इस बात से अवगत थी कि इतनी बड़ी संख्या में प्रशंसक आने वाले हैं, तो कोई बंदोबस्त क्यों नहीं किया गया? सरकार के पास इसे लेकर कोई जवाब नहीं है। सबको पता था कि वहां पर बड़ी संख्या में लोग आएंगे। यही नहीं, लोगों के मरने के बावजूद वहां शो चलता रहा, जश्न मनाया जाता रहा। इस स्थिति ने संवेदनशीलता की सारी हदें पार कर दीं, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री को इस भगदड़ की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। साथ ही, उन्हें यह भी बताना चाहिए कि आखिर भीड़ को काबू करने के लिए किसी भी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं क्यों नहीं की गईं?
उन्होंने कहा कि क्या ऐसा करके सरकार पब्लिसिटी को पब्लिक के ऊपर रखने का प्रयास कर रही है? क्या क्रेडिट लेने की होड़ में कई बातों को नजरअंदाज किया गया? आज कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को इसका जवाब देना होगा।
भाजपा नेता ने कहा कि कल भी गुजरात में बड़ी संख्या में प्रशंसक एकत्रित हुए थे। साथ ही, महाराष्ट्र में विक्ट्री परेड हुए थे। लेकिन, इस तरह की स्थिति कभी पैदा नहीं हुई। लेकिन, कांग्रेस ने जश्न को मातम में और विक्ट्री परेड को शवयात्रा में तब्दील करने का काम किया है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।