नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। मेनोपॉज से गुजर रही महिला के लिए हॉट फ्लैश एक आम सी बात हो जाती है। एक सामान्य लक्षण है जिसमें अचानक शरीर में गर्मी महसूस होती है, पसीना आता है और फिर अगले ही पल ठंडक का एहसास होता है। इसका मुख्य कारण एस्ट्रोजन हार्मोन के गिरते स्तर को माना जाता है। यह समस्या कुछ महीनों से लेकर वर्षों तक रह सकती है और इसके इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा लेने की सलाह दी जाती है।
ये एक ऐसा दौर होता है जिससे नींद और रोजमर्रा की जिंदगी में खलल पड़ती है, कुछ महिलाओं को ये 13 साल तक भी हो सकता है। लेकिन अब तक, किसी भी अध्ययन ने रजोनिवृत्त महिलाओं द्वारा बाद के जीवन में होने वाले वासोमोटर लक्षणों (हॉट फ्लैशेज और रात में पसीना आना) को कम करने के लिए सम्मोहन की बात नहीं की है, लेकिन एक हालिया स्टडी ने इस ओर ध्यान दिलाया है।
यह अध्ययन मेनोपॉज के सबसे असहज लक्षणों में से एक के इलाज के लिए एक आश्चर्यजनक नई विधि सुझाता है। और यह विधि किसी पैच, गोलियों या क्रीम का उपयोग नहीं करती है।
जेएएमए (जामा) में प्रकाशित एक अध्ययन में 250 पोस्टमेनोपॉजल प्रतिभागियों को शामिल किया गया था, जिसमें कुछ प्रतिभागियों ने खुद को हिप्नोटाइज यानी सम्मोहित किया, जबकि बाकी ने फेक हिप्नोटिज्म का सहारा लिया।
परिणाम? छह हफ्तों के बाद, स्व-सम्मोहित समूह को बहुत कम हॉट फ्लैशेस का अनुभव हुआ। उन्हें 53% से भी कम की अनुभूति हुई।
हालांकि पारंपरिक हार्मोन थेरेपी आम है, लेकिन कुछ महिलाओं के लिए, खासकर उन महिलाओं के लिए जो स्तन कैंसर से जूझ चुकी हैं उनके लिए अध्ययन में शामिल 25% महिलाओं के लिए, सम्मोहन जैसे गैर-हार्मोनल उपचार बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
हार्मोनल उपचार स्तन या गर्भाशय जैसे कुछ कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। स्ट्रोक, हृदय रोग, या रक्त के थक्के बनने की भी संभावना होती है।
सम्मोहन हॉट फ्लैशेज के लिए बिल्कुल नया उपचार नहीं है, क्योंकि पिछले अध्ययनों से पता चला है कि विशेषज्ञ की निगरानी में किए गए सम्मोहन के परिणामस्वरूप कम और बहुत कम पसीना आता है। हालांकि अगर कोई खुद इसे आजमाना चाहता है तो उसे फायदा न के बराबर होता है और वह चिढ़चिढ़ेपन का शिकार हो जाता है।
यहां तक कि मेनोपॉज सोसाइटी ने भी 2023 में इन लक्षणों के इलाज के लिए क्लिनिकल हिप्नोटिज्म की सिफारिश की थी।

