बरेली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के 13 नवंबर को बरेली आने से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि एक मुसलमान के घर जाकर चाय पीने और खाने से पूरी कौम की भला नहीं हो सकता।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, ”अखिलेश यादव गुरुवार को बरेली आ रहे हैं। कोई भी शख्स कहीं भी आ सकता है। वो समझते हैं कि किसी भी मुसलमान के घर जाकर चाय पीने और खाना खा लेने से पूरी कौम की किस्मत बदल जाएगी। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह सच नहीं है। यहां तक कि जिसके घर वो जाएंगे, उसे भी कोई फायदा नहीं होगा।”
मौलाना रजवी ने कहा कि अखिलेश यादव अगर सचमुच मुसलमानों के हितैषी हैं तो 2027 के विधानसभा चुनाव में किसी मुसलमान चेहरे को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करें।
उत्तर प्रदेश के 20 प्रतिशत मुसलमान, 7 प्रतिशत यादव और 5 प्रतिशत अन्य वर्गों ने मिलकर मुलायम सिंह यादव को कई बार मुख्यमंत्री बनाया और अखिलेश यादव को भी सत्ता तक पहुंचाया। मगर अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को खड़ा करने में कोई भूमिका नहीं निभाई, बल्कि बनी बनाई इमारत पर आकर बैठ गए।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आरोप लगाया कि सपा की जड़ें मजबूत करने वाले आजम खान और शिवपाल यादव को अखिलेश ने पार्टी की कमान संभालते ही हाशिए पर डाल दिया। इसी वजह से पार्टी को दो विधानसभा और तीन लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।
उन्होंने अखिलेश यादव से सीधा सवाल किया, “20 प्रतिशत मुसलमानों के कंधों पर सवार होकर आपका परिवार कब तक मुख्यमंत्री बनता रहेगा? क्या अब मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाएंगे?”
रजवी ने समाजवादी पार्टी से मांग की कि बहुत जल्द कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर मुसलमान मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया जाए। मुसलमानों ने यादव परिवार को बहुत कुछ दिया है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें बराबरी का हक नहीं दिया गया। लोकसभा और विधानसभा दोनों में मुसलमानों की आबादी के हिसाब से टिकट नहीं दिए गए, जबकि जिन जातियों की आबादी कम है, उन्हें दोगुने टिकट दिए गए।
मौलाना रजवी ने कहा कि अगर 2027 में आबादी के अनुपात में टिकट नहीं मिले तो सपा के भीतर ही बगावत हो सकती है।

