नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने श्री खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और उसके निदेशकों की 3,51,09,524 रुपये की चल और अचल संपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम के मामले में कुर्क किया है। आरोपियों ने लोगों से ज्यादा रिटर्न का झांसा देकर पैसे लिए लेकिन पैसे नहीं लौटाए।
ईडी ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा दर्ज की गई 50 एफआईआर और राजवीर सिंह राजपुरोहित, विक्रम सिंह राजपुरोहित, शैतान सिंह राजपुरोहित और श्री खेतेश्वर अर्बन क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज की गई चार्जशीट के आधार पर पीएमएलए जांच शुरू की।
ईडी को जांच के दौरान पता चला कि सोसायटी जमा पर आकर्षक रिटर्न की पेशकश करती है। ईडी ने कहा- जमा पर आकर्षक ब्याज दर के कारण मासूम जनता खेतेश्वर सोसाइटी की ओर आकर्षित हुई। सोसायटी द्वारा अपनी ओर से काम करने और जनता से जमा स्वीकार करने के लिए कई एजेंटों को नियुक्त किया गया। जुलाई और अगस्त 2016 से खेतेश्वर सोसायटी ने अपने जमाकर्ताओं से किए गए वादे के अनुसार जमा की परिपक्वता तिथि पर भुगतान नहीं किया और आम लोगों को धोखा दिया।
सार्वजनिक जमा को अभियुक्तों द्वारा गबन किया गया और उन्हें चल और अचल संपत्तियों में निवेशित किया। ये संपत्ति अपराध की आय थी और निवेश के विभिन्न रूपों में उन्हें बेदाग के रूप में पेश करने के प्रयास में लूटी गई थी। जांच के आधार पर, ईडी द्वारा 3,42,59,524 रुपये की अचल संपत्ति और 8,50,000 रुपये की चल संपत्ति कुर्क की गई। मामले में आगे की जांच जारी है।
--आईएएनएस
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