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कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल सरकार को दिया झटका, डीए भुगतान फैसले पर पुनर्विचार से इनकार

Sep
22 2022

कोलकाता, 22 सितम्बर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार को एक बड़ा झटका देते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने पुराने फैसले पर पुनर्विचार करने की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ता (डीए) बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।

20 मई को, कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति रवींद्रनाथ सामंत की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगले तीन महीनों के भीतर राज्य सरकार के कर्मचारियों को लंबित डीए बकाया राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया। हालांकि, राज्य सरकार ने फैसले पर पुनर्विचार करने की याचिका के साथ उसी पीठ में एक समीक्षा याचिका दायर की।

गुरुवार की सुबह इसी खंडपीठ ने पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया और 22 मई को इस मामले में अपने पहले के आदेश को बरकरार रखा।

इस बीच, इस मामले में मूल याचिकाकर्ता ने राज्य सरकार के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में अदालत की अवमानना याचिका दायर की है। कोर्ट की अवमानना याचिका पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी।

संघ के अध्यक्ष श्यामल कुमार मित्रा ने कहा, 20 मई को पहले आदेश के बाद, हमने राज्य सरकार को हमारे साथ सहयोग करने और अदालत के निर्देश के अनुसार, लंबित डीए बकाया राशि का भुगतान करने के लिए एक पत्र लिखा। हालांकि, राज्य सरकार ने हमारे आह्वान को अनसुना कर दिया। इसलिए अब हम अपनी मांगों के समर्थन में राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।

2016 में राज्य सरकार के कर्मचारियों ने एसएटी में एक याचिका दायर कर पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार 32 प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग की थी। यह याचिका कन्फेडरेशन ऑफ स्टेट गवर्नमेंट एंप्लॉयीज की ओर से दायर की गई।

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद, एसएटी ने जुलाई 2020 में, राज्य सरकार को अपने कर्मचारियों को केंद्र सरकार में उनके समकक्षों के बराबर महंगाई भत्ते का भुगतान करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार ने उस आदेश को कलकत्ता उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

--आईएएनएस

पीके/एसकेके

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