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तारक रत्न का उदाहरण देकर डॉक्टरों ने सार्वजनिक स्थानों पर डीफिब्रिलेटर की आवश्यकता पर दिया जोर

Jan
30 2023

हैदराबाद, 30 जनवरी (आईएएनएस)। आजकल युवाओं में दिल का दौरा पड़ना आम बात हो गई है। इसके कई कारण बताए जा रहे हैं। इसमें बदलती जीवन शैली, धूम्रपान, शराब का सेवन, भोजन की अनुचित आदतें, मोटापा आदि शामिल हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि अचानक कार्डियक अरेस्ट इस उम्र के लोगों के लिए खतरनाक है। टॉलीवुड अभिनेता तारक रत्न (39) के मामले में, मीडिया में दिखाए गए वीडियो से पता चलता है कि वह दिल का दौरा पड़ने के कारण अचानक गिर गए।

एसएलजी हॉस्पिटल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट के वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख डॉ. हरि राम के अनुसार इस मामले में कार्डियक अरेस्ट के कारण के सुधार के साथ-साथ तत्काल बायस्टैंडर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और डिफिब्रिलेशन (शॉक) प्राथमिक उपचार है।

जैसे-जैसे सेकंड बीतते रहते है, वैसे ही जीवित रहने की संभावना कम होती जाती है। बाईस्टैंडर सीपीआर जनता द्वारा भी शुरू किया जा सकता है, हमें सीपीआर के बुनियादी स्तर के बारे में जनता को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है। कार्डियोवर्जन/डीफिब्रिलेशन केवल अस्पतालों में उपलब्ध है, इस प्रकार की मशीनें जिन्हें एईडी (ऑटोमैटिक एक्सटर्नल डीफिब्रिलेटर) कहा जाता है, सार्वजनिक क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जा सकती हैं। इसके लिए बस जनता को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है।

कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि एईडी हवाई अड्डों और होटलों में उपलब्ध है। लोगों को यह जानने की जरूरत है कि इस उपकरण का उपयोग कैसे किया जाए। प्रारंभिक उपचार में देरी से हृदय, मस्तिष्क, यकृत, गुर्दे, आंत और फेफड़ों जैसे सभी महत्वपूर्ण अंगों को रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है।

एसएलजी हॉस्पिटल्स के क्रिटिकल केयर मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख डॉ. श्रीनिवास जक्किनाबोइना ने भविष्यवाणी की है कि तारक रत्न की स्थिति गंभीर हो सकती है। डॉक्टरों के सामने चुनौती पर्याप्त रक्तचाप और ऑक्सीजन द्वारा सभी अंगों में ऊतक छिड़काव को बनाए रखना है।

वे बीपी और ऑक्सीजन को बनाए रखने के लिए वेनो आर्टेरियल एक्सट्रॉकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (वीए-ईसीएमओ) की मदद ले सकते हैं, किडनी को कंटीन्यूअस रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (सीआरआरटी) के साथ दिया जा सकता है।

सभी अंगों को सहारा देने के दौरान या तो सर्जिकल या गैर सर्जिकल तरीकों से कार्डियक फंक्शन को बेहतर बनाने के लिए सुधार किए जाते हैं।

इस प्रक्रिया के दौरान नियमित अंतराल पर ब्रेन फंक्शन का आकलन किया जाना चाहिए। चूंकि आरओएससी का समय अधिक है, इसलिए मस्तिष्क के कार्य पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, हम उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं, हमने मेडिकल बुलेटिन रिलीज से जो भी जानकारी है उसका विश्लेषण किया। हम सभी जानते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है। बीपी, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल के संदर्भ में सभी को हमारी संख्या पता होनी चाहिए और अगर हमें कोई लक्षण मिलता है तो ईसीजी, टीएमटी और 2डी इको के संदर्भ में कार्डियक मूल्यांकन से गुजरना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार, शराब छोड़ना और धूम्रपान के रूप में जीवन शैली में बदलाव हृदय के लिए महत्वपूर्ण हैं।

--आईएएनएस

पीके/सीबीटी

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