नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक्टीविस्ट ज्योति जगताप की जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी। वो भीमा कोरेगांव मामले में लगाए गए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत जेल में हैं।
न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने जगताप की ओर से पेश वकील अपर्णा भट्ट को मामले में जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।
पीठ ने आदेश दिया कि याचिका पर आगे की सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
अगस्त में, शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर सभी दलीलों के साथ अपना हलफनामा दाखिल करने को कहा था।
जगताप ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जमानत देने से इनकार करने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
एनआईए ने पहले ही जगताप और अन्य के खिलाफ मुंबई की एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर कर रखा है।
जुलाई में, शीर्ष अदालत ने दो अन्य आरोपियों - वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा को जमानत दे दी थी, जो अगस्त 2018 से जेल में थे।
यह मामला 31 दिसंबर, 2017 को महाराष्ट्र के पुणे के शनिवारवाड़ा में कबीर कला मंच के कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित एल्गार परिषद के दौरान लोगों को उकसाने और उत्तेजक भाषण देने से संबंधित है। इस दौरान कथित तौर पर विभिन्न जाति समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया गया और हिंसा हुई।