
संजय बेचैन
शिवपुरी (मध्यप्रदेश) : 21 दिसम्बर/ पापा की परी के लिए पापा कुछ भी कर सकते हैं यह बात सबने सुनी होगी लेकिन शिवपुरी में अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक पापा अपनी 5 साल की बेटी की खुशी के लिए मोबाइल खरीदकर दुकान से बग्गी में बैठकर ढोल धमाके, आतिशबाजी के साथ जश्न मनाते हुए अपने घर तक आये, क्योंकि उन्होंने बेटी को कहा था कि जब वह मोबाइल खरीदेंगे तो जमाना देखेगा।
स्मार्टफोन खरीदकर इस तरह जश्न के साथ उसे घर तक लाने का मामला प्रदेश में पहली बार ही देखने में आया है ।स्मार्टफोन आज के दौर में सब की जरूरत है लेकिन कई आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए इसे लेना आज भी किसी बड़े सपने को पूरा करने से कम नहीं है, ये मोबाइल खरीदने वाले पापा की चाय की दुकान है। कभी नरम तो कभी गरम अंदाज में बच्चों को अनुशासन और व्यवहारिकता का पाठ पढ़ाने वाले पापा ही नई पीढ़ी के सपनों को पंख फैलाने का आसमान दे रहे हैं। इसी खुले आकाश में आज बेटियां बेहिचक उड़ान भर रही हैं। इस बदलाव के दौर में पापा एक मजबूत ढाल बन रहे हैं।
हर घर में बेटियां पिता की लाडली होती हैं। वैसे भी अक्सर यही कहा जाता है कि बेटे मां के करीब होते हैं तो बेटियां अपने पापा के ज्यादा करीब होती हैं। पापा की परी और घर में सबसे प्यारी से पापा को गहरा लगाव होता है। बेटी के लिये तभी तो उम्र के हर पड़ाव पर पापा खास भूमिका निभा रहे होते हैं। कभी बचपन में हर खेल में जीत दिलाने वाले सुपरमैन के रोल में होते हैं तो कभी बिटिया की विदाई के समय बच्चों की तरह फूट फूटकर रोते हैं। पढ़ाई या नौकरी के लिए घर से दूर जा रही बेटी अपने लिए सबसे ज्यादा भरोसा और उम्मीद पिता की आंखों में ही देखती है। ऐसा ही होता है पापा का मन जो प्रेम दिखाता तो नहीं पर निभाता जरूर है। शिवपुरी में भी पिता ने अपनी प्यारी परी की ख्वाहिश कुछ इस अंदाज में ही पूरी करी कि जिसने भी देखा दिल से वाह कर उठा। पढ़ाई के लिए जरूरी मोबाइल खरीदने के लिए बेटी 2 साल से अपने पिता से जिद कर रही थी
आपने अभी तक शादी समारोह और राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में ढोल, बाजे, भांगड़ा, बग्गी, आतिशबाजी और नाच-गाने का आनंद लेते हुए लोगों को देखा होगा लेकिन शिवपुरी शहर के नीलगर चौराहा, पुरानी शिवपुरी के मुरारी चाय वाले ने एक नया मोबाइल बाजार से 12500 रुपए में खरीदा तो मुरारी के अंदर मोबाइल खरीदने की खुशी इतनी थी कि आप इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते, मुरारी ने जिस दुकान से मोबाइल खरीदा वहां से वह अपने घर तक ढोल, बाजे, बग्गी और आतिशबाजी के साथ नाचते गाते हुए अपने घर ले गया। मुरारी ने बताया कि घर में पहली बार मोबाइल आया तो दुकानदार की दुकान से ढोल धमाके, शहनाई बजाते हए अपने घर मोबाइल लेकर आया, उसके बाद अपने दोस्तों को घर पर पार्टी दी पैसे कम होने के कारण बच्ची की इच्छा पूरी करने मोबाइल को फायनेंस कराया है।
इस दृश्य को देख शहर के लोग काफी अचंभित हो रहे थे और बोल रहे थे कि मुरारी की चाय जैसे स्पेशल है वैसे ही मुरारी का मोबाईल लाने की स्टाइल भी स्पेशल है मुरारी कुशवाह ने बताया की मेरी 5 साल की बच्ची है वो मुझसे दो साल से बोल रही थी कि एक मोबाइल दिला दो तो मैंने बच्ची से बोला था बेटा चिंता मत करो हम ऐसा मोबाइल लाएंगे कि पूरा शहर देखता रह जाएगा। बेटी की खुशी के लिये मोबाइल खरीदने की घटना को यादगार बनाने के लिये ही उसने इस तरह जश्न मनाया।