Kharinews

अपनी जमा पूंजी बचाओ! बैंकिंग ऐप और अन्य नए डिजिटल तरीकों से लोगों को ठग रहे स्कैमर्स

Aug
27 2022

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। देश में बुजुर्ग लोगों द्वारा भी एंड्रॉइड फोन का व्यापक रूप से उपयोग किए जाने के कारण, स्कैमर्स अब विभिन्न तरीकों से वित्तीय गतिविधियों का लाभ उठा रहे हैं और धोखाधड़ी के डिजिटल तरीके खोज रहे हैं।

यह एक संदेश के रूप में हो सकता है जो एक विश्वसनीय बैंकिंग ऐप के फर्जी पेज पर ले जाता है, या यहां तक कि जीवन रक्षक उपकरण भी हो सकता है, जिनकी आपको बीमार बिस्तर पर सख्त जरूरत होती है। यह सूची बहुत बड़ी है और जिज्ञासु चीजों से लेकर सुखद घटनाओं तक जा सकती है।

दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने भारतीय स्टेट बैंक के इंटरनेट बैंकिंग ऐप- योनो के नकली संस्करण (फेक वर्जन) की धोखाधड़ी के सिलसिले में 23 आरोपियों को गिरफ्तार करके धोखाधड़ी के एक अखिल भारतीय नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है।

वे एक समानांतर नेटवर्क चला रहे थे जो बैंकिंग ऐप से मिलते-जुलते होने के कारण लोगों को ठग रहा था।

एक एसएमएस आपके जीवन की बचत को खत्म कर सकता है।

इन स्कैमर्स के काम करने का तरीका आपके एंड्रॉइड फोन पर भेजे गए एसएमएस से शुरू होता है। प्रारंभ में, रैकेट एक लिंक के साथ बल्क संदेश भेजेगा, जो इस भेस में योनो ऐप फर्जी पेज की ओर ले जाएगा।

पुलिस का कहना है कि वे एनरॉक और अन्य ऐसे विभिन्न प्लेटफॉर्मो पर फेक फिशिंग पेज होस्ट करते हैं।

एक बार खाताधारक फर्जी नेट बैंकिंग पेज पर क्रेडेंशियल फीड कर देता है, तो आरोपी एक साथ पीड़ित के मूल खाते में लॉग इन कर लेता है।

कुछ ही समय में वे अलग-अलग जगहों से अपने शिकार से ठगे गए पैसों को लेकर अगले शिकार की तलाश में जुट जाते हैं। विभिन्न स्थानों पर बिखरे गिरोह में उनकी नापाक हरकतों को लेकर करीबी तालमेल है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का कहना है, एक बार जब पीड़ित ने फर्जी योनो ऐप में विवरण भर दिया, तो जालसाज को नकली योनो ऐप के व्यवस्थापक नियंत्रण के माध्यम से ओटीपी सहित उसी तक पहुंच प्राप्त हो जाएगी।

ये बुद्धिमान अपराधी कैसे पकड़े जाते हैं!

स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएससीओ) यूनिट ने देखा कि विभिन्न शिकायतें नियमित रूप से प्राप्त हो रही थीं, जिसमें यह पता चला था कि पीड़ितों को योनो ऐप पर केवाईसी अपडेट करने के बहाने ठगा गया था।

एसबीआई प्रबंधन से संपर्क किया गया और एक संयुक्त जांच शुरू की गई जिसमें एसबीआई से डेटा मांगा गया और इसकी विस्तृत जांच की गई।

विश्लेषण के दौरान, 100 से अधिक शिकायतों का एक समूह पाया गया, जिसमें दिल्ली से संबंधित 51 शिकायतें जुड़ी हुई थीं।

जांच के दौरान, कथित व्यक्तियों द्वारा भेजे गए लिंक का तकनीकी विश्लेषण, लिंक की मेजबानी, मोबाइल कॉल विश्लेषण और वित्तीय जांच की गई और यह पता चला कि वे भारत में विभिन्न स्थानों से बहुत संगठित तरीके से काम कर रहे हैं।

कुख्यात जामताड़ा कनेक्शन

पुलिस ने व्यापक विश्लेषण और जमीनी सत्यापन किया। आरोपियों के ठिकानों की पहचान सूरत, कोलकाता, गिरडीह, जामताड़ा, धनबाद और दिल्ली एनसीआर में की गई। विस्तृत जांच के दौरान आरोपी व्यक्तियों के मॉड्यूल का खुलासा हुआ।

जांच के अनुसार, घोटाले के विभिन्न उद्देश्यों के लिए 6 मॉड्यूल सौंपे गए थे।

एक समूह फिशिंग लिंक बनाने और होस्ट करने में शामिल है, दूसरा बल्क एसएमएस और कॉल भेजने के लिए फर्जी सिम कार्ड खरीद रहा था।

तीसरे मॉड्यूल में फिशिंग लिंक भेजने और फिशिंग पेज पर ओटीपी नहीं डालने पर पीड़ित को कॉल करना शामिल था।

चौथा समूह एक साथ पीड़ित के नेट बैंकिंग में लॉग इन करता है और धन को धोखाधड़ी से प्राप्त बैंक खातों में स्थानांतरित करता है।

एक अन्य मॉड्यूल फर्जी या धोखाधड़ी वाले बैंक खातों की खरीद में शामिल था और अंतिम समूह बैंक खातों से पैसे निकाल रहा था।

तकनीकी विश्लेषण के दौरान यह भी देखा गया कि कथित व्यक्तियों के मोबाइल फोन और डिजिटल ट्रेल्स एक ही समय में रडार से बाहर हो गए। अगर किसी आरोपी को पकड़ा जाता है, तो बाकी लोग ऑफलाइन हो गए होंगे और उनका पता नहीं चल पाएगा। इस प्रकार, उनके सभी ठिकानों पर एक साथ और समन्वित तरीके से छापेमारी करने की रणनीति तैयार की गई।

इसी को ध्यान में रखते हुए एक साथ पूरे भारत में सात स्थानों पर उनके ठिकानों पर छापेमारी की गई।

कोविड के दौरान एक और घोटाला भी उसी पैटर्न में चल रहा था। दिल्ली पुलिस के साइबर प्रहार के मिशन के तहत, उन्होंने 90 लोगों को गिरफ्तार किया जो निर्दोष व्यक्तियों को जीवन रक्षक उपकरण और दवाएं बेचने के बहाने ठग रहे थे।

यह पहला मौका था जब पूरी दिल्ली पुलिस ने सभी इकाइयों और जिलों के साथ मिलकर साइबर धोखाधड़ी से लड़ने का काम किया।

--आईएएनएस

एकेके/एएनएम

Related Articles

Comments

 

लैंगिक रूढ़िवादिता से हर रोज लड़ रहीं मध्य प्रदेश की 50% से अधिक पंचायतों की मुखिया महिलाएं

Read Full Article

Subscribe To Our Mailing List

Your e-mail will be secure with us.
We will not share your information with anyone !

Archive