नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते सरकारी सब्सिडी हासिल करने में हुई धोखाधड़ी के पुराने मामले में फरार चल रहे आरोपी टोनिया लांगकम को गिरफ्तार कर लिया है। जांच एजेंसी ने उसे अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से दबोचा। आरोपी साल 2009 में आरोप पत्र दायर होने के बाद से ही फरार चल रहा था।
सीबीआई के मुताबिक, मामला राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी), गुवाहाटी द्वारा संचालित उत्पादन और कटाई-पश्चात प्रबंधन के माध्यम से वाणिज्यिक बागवानी का विकास योजना से जुड़ा है। इस योजना के तहत सरकारी सब्सिडी का लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी आवेदन जमा किए गए थे। जांच में सामने आया कि अरुणाचल प्रदेश के लोहित, निचली दिबांग घाटी और पूर्वी सियांग जिलों के कथित आवेदकों के नाम पर 173 प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए भेजे गए, जिनमें भारी अनियमितताएं पाई गईं।
सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर सीबीआई ने 30 अप्रैल 2007 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि फर्जी आवेदन और उससे जुड़े दस्तावेज गुवाहाटी स्थित आरोपी तारिक टोलम के घर पर स्थानीय युवकों की सहायता से तैयार किए गए थे। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी टोनिया लांगकम और उसके सहयोगियों ने की थी। इनका उद्देश्य सरकारी सब्सिडी का अवैध तरीके से लाभ उठाना था।
धोखाधड़ी के इस मामले में टोनिया लांगकम सहित कई आरोपियों के खिलाफ 21 दिसंबर 2009 को संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। लंबे समय तक फरार रहने के बाद आखिरकार लांगकम को गिरफ्तार कर गुवाहाटी स्थित सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इससे पहले, सीबीआई ने 31.60 करोड़ रुपए के बैंक धोखाधड़ी मामले में आरोपी राजेश बोथरा को गिरफ्तार किया है। राजेश बोथरा ने कंपनी फ्रॉस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एफआईईएल) और उसके निदेशकों के साथ मिलकर साजिश में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

