अटल ब‍िहारी थे देश के बड़े नेता, भारत की राजनीत‍ि पर उनकी अम‍िट छाप : रईस शेख

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मुंबई, 25 द‍िसंबर(आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी के महाराष्‍ट्र के व‍िधायक रईस शेख ने आईएएनएस के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्‍होंने व‍िभ‍िन्‍न मुद्दों पर व‍िचार प्रकट क‍िया।

श‍िवसेना (उद्धव) के नेता संजय राउत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई पर द‍िए गए एक व‍िवाद‍ित बयान पर रईस शेख ने कहा क‍ि अटल बिहारी वाजपेई देश के एक बड़े नेता थे, उनकी अपनी एक छवि थी, भारत की राजनीति में अटल बिहारी वाजपेई की एक अमिट छाप है। संजय राउत के बयान पर बोलना जरूरी है, क्योंकि हम उस जनरेशन के नहीं हैं। मुझे नहीं लगता है कि अटल बिहारी वाजपेई को किसी और व्यक्तित्व के सहारे की जरूरत है। अटल बिहारी वाजपेयी सभी के थे। वह धर्म, संप्रदाय के आधार पर कोई भेदभाव नहीं करते थे। अटल बिहारी वाजपेई के विचार देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलते थे।

दिल्ली दंगा के आरोप‍ियों को एआईएमआईएम द्वारा टिकट दिए जाने पर शेख ने कहा क‍ि मैं एआईएमआईएम के विचारधारा से सहमत नहीं हूं। लेकिन मैं मीड‍िया से भी न‍िवेदन करना चाहूंगा कि क‍िसी आरोपी को दोषी मत ठहराइए। जब तक मामला कोर्ट में है और आरोपी को दोषी नहीं ठहराया जाता, तब तक मीड‍िया को क‍िसी को दोषी मानकर व्‍यवहार नहीं करना चाहि‍ए। सपा वि‍धायक ने कहा क‍ि यह क‍िसी से छ‍िपा नहीं है क‍ि राजनीत‍ि और पावर का इस्‍तेमाल लोगों को फंसाने के ल‍िए क‍िया जाता है। इसल‍िए जब तक कोर्ट क‍िसी को दोषी न ठहरा दे, तब तक उसे दोषी नहीं मानना चाह‍िए।

अटल बिहारी वाजपेई को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर रईस शेख ने कहा क‍ि उन्‍होंने बहुत अच्छी बात कही है। प्रधानमंत्री को यही बातें अपने नेताओं के साथ भी करनी चाहिए। देश में तोड़फोड़ की राजनीति, पार्ट‍ियों को तोड़ना, पर‍िवारों को तोड़ना आद‍ि बंद होना चाहिए। बीजेपी की बोलने की भाषा अलग है और काम करने की भाषा अलग।

संभल विवाद को लेकर स्वामी रामभद्राचार्य के बयान पर सपा व‍िधायक ने कहा क‍ि वह बड़े संत हैं, संभल विवाद को लेकर कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाह‍िए। प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट का पालन होना चाहि‍ए।

वीएचपी नेता विनोद बंसल द्वारा मंद‍िरों को सरकार के न‍ियंत्रण से मुक्‍त करने के सवाल पर रईस शेख ने कहा क‍ि कोई एक संगठन के कहने से बात नहीं बनेगी। इन सब व‍िषयों पर फैसला लेने के ल‍िए संसद है। एक स‍िस्‍टम है, उसके मुताबि‍क ही काम होना चाहि‍ए। जो दान का पैसा होता है, वो लोगो के कल्याण के ल‍िए इस्तेमाल होना चाहिए।

देश मे चाहे मंदिर हो या मस्जिद, उन सभी के अपने ट्रस्ट हैं। सभी में कुछ ना कुछ कमी है, उन कमियों को दूर करने के लिए चर्चा हो रही है। वफ्फ एक्ट सोच समझ कर बनाया गया है, लेकिन उसमें सुधार की जरूरत है। उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार का सहयोग चाहिए, न‍ियंत्रण नहीं।

कव‍ि कुमार विश्वास के व‍िवाद‍ित बयान पर शेख ने कहा क‍ि कुमार विश्वास ने बहुत ही भद्दी टिप्पणी है। लोगों को अपने बच्चों को धर्म का ज्ञान जरूर देना चाहिए, लेकिन किसी के निजी जीवन पर सवाल नहीं उठाना चाहिए।

सनातन बोर्ड के गठन के मांग को लेकर पूछे गए सवाल पर सपा व‍िधायक ने कहा क‍ि यह एक पेचीदा मसला है। धर्म से जुड़े लोग इससे बात करें तो अच्छा रहेगा।