अयोध्या से निकली श्रीराम की बारात, नेपाल के जानकी मंदिर में हो रही हैं भव्य तैयारियां

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जनकपुर, 27 नवंबर (आईएएनएस)। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इस प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार भगवान श्रीराम की बारात नेपाल के जनकपुर जा रही है।

बारात के स्वागत के लिए जनकपुर में भव्य तैयारियां की जा रही हैं। विशेष रूप से भव्य पंडाल तैयार किया जा रहा है। भगवान राम की बारात के स्वागत के लिए पूरा जनकपुर उत्साहित है।

बता दें कि यहां सीता-राम महोत्सव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं। इसे यहां पर विवाह पंचमी भी कहा जाता है। 6 दिसंबर को विवाह पंचमी है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। हिन्दुओं के साथ ही साथ नेपाल के जनकपुर में रहने वाले मिथिलांचल के लोगों के लिए भी यह दिन काफी महत्व रखता है। हर साल इस दिन सीता-राम का विवाह कराया जाता है।

नेपाल के जानकी मंदिर में मिथिला पेंटिंग बना रहीं सुनैना ठाकुर ने बताया है कि हमें बहुत खुशी हो रही है रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार श्रीराम की बारात जनकपुर आ रही है। बारात के स्वागत में जनकपुर के लोग काफी उत्साहित हैं। हम बारात में आने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने बताया कि जानकारी मंदिर में जगह-जगह मिथिला पेंटिंग बनाई जा रही है। जानकी मंदिर को मिथिला पेंटिंग से सजाने पर सुनैना ठाकुर ने कहा कि कहा जाता है कि जब जनकपुर की राजकुमारी माता सीता का विवाह भगवान श्री राम से हो रहा था तब मिथिला के राजा जनक ने मिथिलांचल की महिलाओं से पूरे जनकपुर को मिथिला पेंटिंग से सजावाया था। श्रीराम को उस दौरान पेंटिंग काफी पसंद आई थी। तभी से यहां पर मिथिला पेंटिंग बनाई जाने लगी।

उन्होंने बताया कि मिथिला पेंटिंग के माध्यम से हम सीता-राम के विवाह से जुड़ी हर छोटी से बड़ी चीजों को मिथिला पेंटिंग के माध्यम से दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

जानकी मंदिर की दीवारों पर मिथिला पेंटिंग उकेरी जा रही हैं। इसके अलावा पेपर, कैनवास पर पेंटिंग बनाई जा रही है।

बता दें कि श्रीराम की बारात अयोध्या से निकल चुकी हैं। इस बारात में 500 से अधिक बाराती हैं। यह बारात अयोध्या से होते हुए आजमगढ़, बक्सर, पटना, मुजफ्फरपुर के कांटी, सीतामढ़ी, बेनीपट्टी, मधवापुर होते हुए 2 दिसंबर को नेपाल में प्रवेश करेगी। यहां से 3 दिसंबर को श्री राम लला की बारात जनकपुर धाम पहुंचेगी। 7 दिसंबर तक बाराती यहां रहेंगे। इसके बाद बाराती 8 दिसंबर को अयोध्या के लिए वापस लौटेंगे।