इंडी ब्लॉक में एकता का भारी अभाव है : प्रदीप गुप्ता (आईएएनएस इंटरव्यू)

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नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए शुक्रवार को 102 सीटों पर वोट डाले गए। इस चुनाव में एनडीए को सत्ता से हटाने के लिए विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन बनाया है। लेकिन, क्या इंडिया गठबंधन इस चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी और एनडीए गठबंधन को टक्कर दे पाएगी?

एक्सिस माई इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से खास बातचीत में इस पर अपनी खुलकर राय रखी।

इंडिया गठबंधन द्वारा इस चुनाव में एनडीए को टक्कर देने के सवाल पर प्रदीप गुप्ता ने आईएएनएस से कहा कि मैं देख रहा हूं कि कुछ राज्य ऐसे हैं जिनमें हम कह सकते हैं कि बड़े नंबर सीट से जैसे महाराष्ट्र में इंडी गठबंधन में बड़ी टूट-फूट है। दूसरा बिहार है, जहां पर नीतीश कुमार भी एनडीए में शामिल हो गए। तो, वहां आरजेडी, सीपीआई, लेफ्ट पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है, यहां तो उनका सही है। लेकिन, वहां कितना असर होगा, यह अलग बात है। महाराष्ट्र और बिहार यह बड़े राज्य हैं, इसके अलावा दिल्ली में भी गठबंधन हुआ है, तो कुछ जगहों पर विपक्षी दलों का गठबंधन हुआ और कुछ जगहों पर नहीं हुआ।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में सवाल यह कि अब इसका असर कितना होगा? केरल में तो अजीबो-गरीब हालात हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केरल के सीएम विजयन पर ज्यादा बरस रहे हैं। वहीं, विजयन राहुल गांधी पर बरस रहे हैं। डी राजा की वाइफ उनके खिलाफ चुनाव लड़ रही है। केरल के अंदर दो प्रमुख गठबंधन एलडीएफ और यूडीएफ हैं। एक लेफ्ट गठबंधन, दूसरा कांग्रेस का गठबंधन। तो, एक-दूसरे के खिलाफ बोलना और वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करना एक नेचुरल प्रक्रिया है और वह उसके तहत वह कर रहे हैं। अब भाजपा वहां केरल में इस सब के बीच क्या कर सकती है, यह देखने वाली बात होगी।

इंडिया गठबंधन की राष्ट्रीय स्तर पर आपसी लड़ाई के सवाल पर प्रदीप गुप्ता ने कहा कि यह शुरू से ही रहा है। पिछले छह महीने से यह चीजें चल रही है। जब से नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन को छोड़ने का मन बनाया। इंडिया गठबंधन का साथ एक-एक करके बहुत सारी छोटी पार्टियां छोड़ती चली गई, जिसमें टीएमसी भी है। नीतीश कुमार भी साथ छोड़कर चले गए जो बिहार से हैं और वहां से 40 लोकसभा सीटें आती हैं। तो नेचुरली इसका जो फर्क है वह तो तभी से हम सबको नजर आने लगा है। जहां तक यह विपक्षी दलों के एकजुट होने की बात थी तो नीतीश ने खुद ही साथ छोड़ दिया। इसके बाद से इंडिया गठबंधन से लगातार लोग टूटते चले गए।

वहीं, पीएम मोदी की पॉपुलैरिटी के सवाल पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की पॉपुलैरिटी में इजाफा हुआ है और इसमें तो कहीं किसी को एक परसेंट का डाउट नहीं है और इस बात को अपोजिशन पार्टियां भी अच्छे से जानती है। इसलिए वह उन्हीं को टारगेट करती है। नरेंद्र मोदी का जो डिलीवरी वाला मॉडल है और परफार्मेंस है और उससे भी बहुत बड़े वर्ग को बहुत बड़ा फायदा बहुत सालों के बाद हुआ है। जिसके चलते आप देख पा रहे हैं कि जो पीएम मोदी की चमक है, वह अभी भी बरकरार है।