नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। भारत और कर्नाटक के पूर्व मध्यम तेज़ गेंदबाज़ डोडा गणेश को केन्या की पुरुष क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया है।
यह एक साल का करार है, जो 13 अगस्त से शुरू होगा, जहां केन्या आईसीसी डिवीज़न 2 चैलेंज लीग की शुरुआत सितंबर से करेगी , यहां उनके अलावा पापुआ न्यू गिनी, क़तर, डेनमार्क और जर्सी जैसी टीमें होंगी। इसके बाद अक्तूबर में उनको टी20 विश्व कप अफ़्रीका क्वालिफ़ायर में भी भाग लेना है।
गणेश ने नैरोबी से ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत में बताया, “मुख्य लक्ष्य टी20 विश्व कप और वनडे विश्व कप के लिए क्वालिफ़ाई करना होगा, लेकिन उससे पहले हमें तैयारी और प्रक्रिया शुरू करनी होगी। हमने तैयारी शुरू कर दी है और संकेत अच्छे हैं। हमारे पास पहले टूर्नामेंट के लिए कम समय बचा है। तो मैं लोकल लीग मैचों को देख रहा हूं। फ़िटनेस टेस्ट भी होगा, तो हम धीरे-धीरे प्रक्रिया में आ रहे हैं।”
51 वर्ष के गणेश जनवरी से अप्रैल 1997 तक पांच बार भारत के लिए खेले हैं, जिसमें चार टेस्ट और एक वनडे शामिल हे, जहां पर उन्होंने टेस्ट की सात पारियों में पांच विकेट और इकलौते वनडे में एक विकेट अपने नाम किया। हालांकि उन्होंने सालों तक कर्नाटक टीम के साथ खेला जो 1994-95 से शुरू होकर 2004-05 में समाप्त हुआ। यहां उन्होंने 104 प्रथम श्रेणी मैचों में 365 विकेट लिए और 89 लिस्ट ए मैचों में 128 विकेट लिए।
केन्या के साथ गणेश के संबंध सन 2000 से हैं। तब कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ के सचिव ब्रिजेश पटेल ने राज्य की टीम को केन्या में सीमित ओवर मैचों के लिए भेजा था। गणेश ने वहां पर नैरोबी और मोंबासा में सात मैच खेले थे, जिसमें उन्होंने चार बार पारी में तीन विकेट लिए थे।
गणेश ने कहा, “हमने वहां पर मैच खेले हैं, तब मैंने अच्छा प्रदर्शन किया था। मैं परिस्थितियों से वाक़िफ़ हूं और यहां काम करके मज़ा आ रहा है। केन्या क्रिकेट काफ़ी मददगार है, मुझे उम्मीद है कि मैं वह कर पाऊंगा जिसके लिए मुझे लाया गया है।”
संन्यास के बाद कोचिंग में आने से पहले गणेश राजनीति से भी जुडे़ रहे। उन्होंने घरेलू स्तर पर गोवा और मणिपुर में काम किया, वह केएससीए एकेडमी में कोच भी रहे और अपने राज्य के क्रिकेट संघ की क्रिकेट सलाहकार समिति में भी शामिल रहे।
केन्या एक समय विश्व क्रिकेट में उभरता हुआ देश था। 2003 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में उन्होंने जगह बनाई थी। इसके बाद मैदान के बाहर विवाद जिसमें भ्रष्टाचार और खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने 2010 में उन्हें काफ़ी परेशान किया। इन्हें आईसीसी एसोसिएट का दर्जा 1981 में और वनडे का दर्जा 1996 में मिला। 2007 तक पांच बार वनडे विश्व कप खेलने के बाद उन्होंने 2014 में वनडे का दर्जा खो दिया, क्योंकि वे विश्व कप क्वालिफ़ायर में पांचवें स्थान पर रहे थे। जब वे 2003 में विश्व कप सेमीफ़ाइनल में पहुंचे थे, तब भारत के ही पूर्व खिलाड़ी संदीप पाटिल टीम के कोच थे।