चीन का ड्रैगन बोट फेस्टिवल इस साल 10 जून को

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बीजिंग, 8 जून (आईएएनएस)। ड्रैगन बोट फेस्टिवल चीन का पारंपरिक त्योहार है, जो वसंत त्योहार, छिंगमिंग त्योहार और मध्य शरद ऋतु उत्सव के साथ चीन के चार परंपरागत त्योहारों में से एक माना जाता है। चीनी पंचांग के अनुसार पांचवें चंद्र मास के पांचवें दिन को ड्रैगन बोट फेस्टिवल मनाया जाता है। इस साल ड्रैगन बोट फेस्टिवल 10 जून को होगा।

ड्रैगन बोट फेस्टिवल का दुनिया में व्यापक प्रभाव है। चीन के अलावा, अन्य देशों और क्षेत्रों में भी ड्रैगन बोट फेस्टिवल मनाया जाता है। मई 2006 में चीनी राज्य परिषद ने ड्रैगन बोट फेस्टिवल को राष्ट्रीय गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया। वर्ष 2008 से ड्रैगन बोट फेस्टिवल एक राष्ट्रीय छुट्टी दिवस बन गया। फिर सितंबर 2009 में यूनेस्को ने ड्रैगन बोट फेस्टिवल को मानवता की गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया। ड्रैगन बोट फेस्टिवल विश्व अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में चुना गया चीन का पहला त्योहार बन गया।

ड्रैगन बोट फेस्टिवल से जुड़े रीति-रिवाज बहुत अधिक हैं। चीन के विभिन्न क्षेत्रों में इसे मनाने के लिए तरह-तरह कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। इनमें ज़ोंगज़ा खाना, यानी पारंपरिक चीनी चावल-पुडिंग और ड्रैगन बोट रेसिंग दो सबसे अहम कार्यक्रम हैं।

पुराने काल में लोग जल खेलों के जरिये बुराई को रोकना चाहते थे। बाद में यह परंपरा ड्रैगन बोट रेस के रूप में विकसित हुई। ड्रैगन बोट रेस से बहादुरी, सहयोग और एकजुटता की भावना भी दिखती है, जो हजारों वर्षों से चला आ रहा सांस्कृतिक कार्यक्रम बन गया है।

ड्रैगन बोट फेस्टिवल के दौरान लोग ज़ोगज़ा खाना पसंद करते हैं। ज़ोंगज़ा चिपचिपे चावल, लाल खजूर, लोंगन, बीन पेस्ट और अन्य भरावों से बना होता है, जिन्हें मगवॉर्ट पत्तियों या बांस की पत्तियों में लपेटा जाता है। लोग इसे उबालकर खाते हैं। ज़ोंगज़ा त्रिकोणीय पिरामिड के आकार का होता है। इसका मतलब शांति और खुशी है। ज़ोंगज़ा खाने से लोग आपदा को दूर करने, बुरी आत्मा को दूर भगाने और शांति के लिए प्रार्थना करने की शुभकामना देते हैं।

वहीं, ड्रैगन बोट फेस्टिवल के दिन लोग दरवाज़े, रसोई और मंदिर आदि जगहों पर मुगवॉर्ट की पत्तियां लटकाते हैं और रियलगर वाइन भी पीते हैं। इन सभी रीति-रिवाजों का उद्देश्य बुरी आत्मा को दूर भगाने और सुख पाने की कामना करना है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)