मुंबई, 30 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस विधान परिषद सदस्य भाई जगताप ने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार के कारणों पर मंथन के बाद संगठन को मजबूती देने के लिए उठाए गए कदमों का समर्थन किया। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा के नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति, मुख्यमंत्री के चेहरे पर असमंजस और खेल में राजनीति पर भी टिप्पणी की।
भाई जगताप ने कांग्रेस की हार के बाद के माहौल पर बात करते हुए कहा कि पार्टी की केंद्रीय कार्यकारिणी समिति की बैठक में संगठन को नए सिरे से मजबूती देने के बारे में विचार किया गया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह सही है कि संगठन को और मजबूत करने के लिए मंथन हो रहा है। कांग्रेस पार्टी की यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, लेकिन कभी भी कांग्रेस के कार्यकर्ता हार से घबराए नहीं। हार से सबक लेकर पार्टी को और मजबूत बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
भाई जगताप ने चुनाव आयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करना चाहिए, न कि किसी के दिल में आशंका पैदा करने के लिए। मुझे लगता है कि यह मुद्दा चुनाव परिणाम के बाद उठे सवालों का है, और चुनाव आयोग को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेता राम शिंदे ने खुद पैसे भरकर पुनः गिनती की मांग की थी और यह भी कहा कि चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ईवीएम मशीनों का डाटा मिटाया न जाए। अगर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि पांच प्रतिशत ईवीएम की पुनः गिनती हो, तो चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए और हर प्रकार के संदेह को दूर करना चाहिए।
महाविकास आघाडी के भविष्य और मुख्यमंत्री के चेहरे पर असमंजस को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता कह रहे हैं कि महाविकास आघाड़ी को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए। यदि महाराष्ट्र में चल रही राजनीति को समझा जाए तो महाविकास आघाड़ी को मिलकर ही सामना करना होगा।
भाई जगताप ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में जिस तरह के षड्यंत्र और घटनाएं हो रही हैं, उनका मुकाबला करने के लिए महाविकास आघाड़ी को एकजुट होकर लड़ना होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा कि पार्टी के भीतर तालमेल की कमी स्पष्ट दिखाई दे रही है। 23 तारीख को परिणाम आए थे, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं हो सका। यह राजनीतिक असमंजस राज्य के लिए सही नहीं है। क्रिकेट और खेलों में राजनीति का दखल नहीं होना चाहिए। खेल को खेल की भावना से देखा जाना चाहिए, न कि राजनीति के नजरिए से। उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) को सुरक्षा कारणों का ध्यान रखते हुए निर्णय लेना चाहिए, लेकिन खेल में राजनीति की जगह नहीं होनी चाहिए।