छत्तीसगढ़ में न्याय, विकास और राहत का नया दौर शुरू : राज्यपाल

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रायपुर, 5 फरवरी (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की छठी विधानसभा का दूसरा सत्र सोमवार से शुरू हो गया। विधानसभा का सत्र एक मार्च तक चलेगा और इसमें कुल 20 बैठकें होनी है। सत्र के पहले दिन राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन का अभिभाषण हुआ। उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि राज्य की नई सरकार ने अल्प अवधि में ही जनता से किए वादे पूरे करने की दिशा में कदम उठाए हैं, जिसके कारण राज्य में न्याय, राहत और विकास का नया दौर शुरू हुआ है।

सत्र की शुरुआत करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ‘समृद्ध किसान, संपन्न प्रदेश’ की अवधारणा पर तेजी से अमल कर रही है। यही कारण है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसंबर को 22 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में दो साल के धान के बकाया बोनस की राशि अंतरित कर दी गई। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी हेतु प्रति एकड़ 21 क्विंटल का वादा निभाया गया।

राज्यपाल ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान’ के दौरान विशेष रूप से पिछड़े जनजातीय समूहों को मूलभूत सुविधाओं जैसे पक्के आवास, संपर्क सड़क, छात्रावास का निर्माण, शुद्ध पेयजल, विद्युतीकरण, आंगनबाड़ी केंद्र, वन-धन केंद्रों का निर्माण, मोबाइल टावर की स्थापना, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल से परिपूर्ण करने के लिए राज्य सरकार संकल्पित है। इसके अलावा तेंदूपत्ता, महुआ, इमली सहित सभी लघु वन उपज से जुड़े आजीविका के साधनों को मजबूत करने की पहली प्राथमिकता है। सरकार तेंदूपत्ता का संग्रहण का पारिश्रमिक 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा और संग्राहकों को 4,500 हजार रुपए तक बोनस प्रदान के लिए कटिबद्ध है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित लगभग 18.50 लाख हितग्राहियों को पक्के आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई से जांच कराने का निर्णय लिया गया है। महिलाओं को महतारी वंदन योजना में 12,000 रुपये सालाना देने का फैसला हो गया है।

–आईएएनएस

एसएनपी/एबीएम