रांची, 23 सितंबर (आईएएनएस)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को झारखंड के पलामू प्रमंडल के ऊंटारी रोड और हुसैनाबाद में भाजपा की परिवर्तन यात्रा के तहत जनसभाओं को संबोधित करते हुए राज्य के सत्तारूढ़ गठबंधन को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी की सरकार ने झारखंड में लव जिहाद और लैंड जिहाद को संरक्षण दिया है। आज पूरा झारखंड परिवर्तन की मांग कर रहा है, क्योंकि यहां जनकल्याण की बजाय जिहाद कल्याण का काम चल रहा है। भाजपा ही एकमात्र पार्टी है, जो झारखंड के हितों की रक्षा करने के लिए कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि झारखंड की वर्तमान जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी सरकार ने पहले दिन से ही जनता के साथ विश्वासघात किया है। घुसपैठियों के कारण राज्य की डेमोग्राफी चेंज हो गई है। बंगलादेशी घुसपैठिए संथाल परगना में आदिवासी बहनों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण कर रहे हैं और उनकी जमीनें हड़प रहे हैं, मगर हेमंत सोरेन सरकार आंखों पर पट्टी बांधकर बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों की संरक्षक बन गई है।
ठाकुर ने कहा कि इस सरकार ने जल, जंगल और जमीन सबमें भ्रष्टाचार किया है। गरीबों का अनाज, खान-खनिज, जमीन के साथ-साथ आदिवासियों की अस्मिता लूटी जा रही है। केंद्र सरकार की नल जल योजना सहित अन्य योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गईं। हाल ही में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों से 350 करोड़ से अधिक नकदी की बरामदगी को पूरे देश ने देखा था। मुख्यमंत्री की करीबी एक अधिकारी के एक सीए के घर से ईडी ने 17 करोड़ रुपये बरामद किए, इनके मंत्री आलमगीर आलम के पीए के नौकर के घर से ईडी ने 35 करोड़ से अधिक कैश बरामद हुए। चुनाव के पहले जनता से बड़े-बड़े वादे करने वाली इस सरकार ने झारखंड को सिर्फ भ्रष्टाचार दिया।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि हेमंत सोरेन ने वादा किया था कि हर साल 5 लाख युवाओं को रोजगार देंगे। लेकिन, लोगों को नौकरी मिली क्या? नौकरी देने की बजाय हेमंत सोरेन की सरकार युवाओं को ऐसे दौड़ा रही कि उनकी असमय मौत हो रही है। झारखंड में एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं। पैसे लेकर नौकरियां बांटी जा रहीं हैं। गरीब, युवा आदिवासी को नौकरी नहीं मिलती। चुनावों में युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया, महिलाओं को 2,000 रुपये पेंशन का वादा किया, नवविवाहित बहनों को सोने का सिक्का देने का वादा किया, मगर हेमंत सोरेन ने सरकार बनने के बाद सारे वादे भुला दिए।