झुंझुनू में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए विशेष निर्देश

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झुंझुनू, 18 नवंबर (आईएएनएस)। राजस्थान के झुंझुनू जिले में प्रदूषण का व्यापक असर है। मूल रूप यह असर हरियाणा और पंजाब के किसानों द्वारा पराली जलाने की वजह से देखने को मिल रहा है। झुंझुनू जिले में प्रदूषण के कहर ने लोगों को खासा परेशानी में डाल दिया है। खासकर सांस से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह मौसम बेशुमार दुश्वारियां पैदा कर रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सोमवार को जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने अधिकारियों संग बैठक की। बैठक में प्रदूषण पर रोक लगाने की पूरी रूपरेखा निर्धारित की गई है। जिसे जल्द ही जमीन पर उतारे जाने का फैसला किया गया है।

जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने स्पष्ट क‍िया क‍ि इस समय लोग पहले तो घरों से बेवजह बाहर निकलने से परहेज करें। बाहर तभी निकलेंं, जब कोई जरूरी काम हो और अगर आप निकल भी रहे हैं, तो मास्क पहनना न भूलें, क्योंकि ऐसा करने से आप खुद को बड़े पैमाने पर प्रदूषण के कहर से बचा सकेंगे।

उन्होंने कहा, “झुंझुनू में मौजूदा समय में प्रदूषण पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा जलाई जाने वाली पराली की वजह से है। कई बार दोनों राज्यों के किसानों से पराली न जलाए जाने की अपील की जा चुकी है। लेकिन, अभी तक जमीनी स्तर पर इस अपील का असर देखने को नहीं मिल रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “मौजूदा समय में जिले में एएक्यूआई 400 के ऊपर है। इस वजह से आम लोगों को कई परेशानी हो सकती है। खासकर महिला, बच्चे और बुजुर्गों को व्यापक स्तर पर इससे परेशानी हो सकती है। इसी को देखते हुए हमने अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें हमने पूरी प्लानिंग की थी कि कैसे प्रदूषण के कहर को कम करना है, ताकि लोगों का जीना सरल हो सके और उन्हें इस मौसम में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके अलावा, हमने आम जन के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। हमने आम लोगों से अपील की है कि वो इस एडवाइजरी का पालन करने में किसी भी प्रकार की कोताही ना बरतें। इसके साथ ही हमने मेडिकल विभाग को भी अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया है, ताकि जमीनी स्तर पर हालात ना बिगड़े।”