पटना, 23 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बख्तियारपुर-ताजपुर परियोजना के पुल या स्पैन के गिरने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि नंदिनी लगुनिया पर निर्माणाधीन रेलवे पुल का एक गर्डर बियरिंग गिरने का जो मामला संज्ञान में आया है, वह किसी तकनीकी खामी की वजह से नहीं, बल्कि बियरिंग बदलने की आरंभिक प्रक्रिया के दौरान गिरा है।
उन्होंने कहा कि यह परियोजना साल 2011 में प्रारंभ हुई। लेकिन, संवेदक के धीमी गति से काम करने तथा अन्य कारणों की वजह से एकरारनामा को 2020 में रद्द कर दिया गया था। आगे चलकर राज्य सरकार की पहल पर 10 जनवरी 2023 को पूरक एकरारनामा कर निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ किया गया था। पहले ही खुले वातावरण के प्रभाव से बियरिंग में जंग लगने की बात कंडीशन सर्वे के दौरान संज्ञान में आई थी। जंग से प्रभावित बियरिंग को बदलने की प्रारंभिक कार्रवाई संवेदक द्वारा की जा रही थी, जिसके कारण दाहिने ओर का एक गर्डर उलट गया।
उन्होंने आगे कहा कि यह पुल, स्पैन गिरने का मामला है ही नहीं, केवल बियरिंग बदलाव के क्रम में एक गर्डर के गिरने का मामला है, जिसमें जानमाल की कोई क्षति नहीं हुई। घटना के तुरंत बाद बीएसआरडीसी के शीर्षस्थ पदाधिकारियों ने स्थल निरीक्षण किया।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तो अपनी बेचैनी को रोक नहीं पाए और ‘ट्विटर एक्टिविज्म’ में जुट गए। बिना किसी ठोस जानकारी के झूठी अफवाह फैलाना शुरू कर दिया। गलत तथ्य के साथ आधारहीन आरोप लगाने से पूर्व उन्हें पता करना चाहिए था कि वास्तविक स्थिति क्या है और 2020 में जो एकरारनामा रद्द हुआ था, उसे कब फिर से बहाल किया गया था?
बता दें कि इससे पहले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “1,603 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन समस्तीपुर-बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु के संपर्क पथ का पुल भरभराकर गिर गया। एक सप्ताह पूर्व करोड़ों की लागत से जमुई के बरनार नदी पर बना पुल भी धंस गया था, जबकि उसका कुछ दिन पूर्व ही सीएम ने कथित निरीक्षण किया था।”