दिलीप पांडेय ने ‘आप’ से नाराजगी की खबरों का किया खंडन, बोले-‘मैं कहीं नहीं जा रहा’

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडेय ने पार्टी से नाराजगी की खबरों के बीच इसको लेकर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि वह पार्टी या राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से नाराज नहीं है।

उन्होंने कहा कि जो लोग मुझमें और अरविंद केजरीवाल में कोई मतभेद दिखाना चाहते हैं तो हवा में अपना नाव चला रहे हैं, क्योंकि मैं कहीं नहीं जा रहा।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा, “देश में जब अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था तो मैं दूर परदेस में बैठा था। मेरे लिए सब छोड़कर आने की इकलौती वजह मां भारती के प्रति मेरा अथाह प्रेम और सम्मान था। वो प्रेम और सम्मान समय के साथ बढ़ता गया और मैंने अपने परिवार से पहले देश को और संगठन को रखा। आज भी उसमें रत्ती भर की कमी नहीं आई है। कल मैंने देखा कि अचानक से एक कैंपेन शुरू हो गया, जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ये संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि मैं पार्टी या अपने नेता अरविंद केजरीवाल के प्रति असंतोष और नाराजगी से भरा हूं। ये पढ़कर पहले तो मुझे हंसी आई और लगा की इसे नजर अंदाज कर दूं। मगर मेरी चुप्पी से भी कई कयास लगाए जा सकते हैं, इसलिए यह बड़े अफसोस के साथ लिखना पड़ रहा है।”

उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “मैं पहली और आखरी बार साफ कर रहा हूं कि भले ही आप अरविंद केजरीवाल के या आम आदमी पार्टी के शुभचिंतक हैं, या फिर मेरे अपने साथी हैं, ये तीनों बातें बिल्कुल एक हैं। हमारा हित और अहित एक है। अगर आप मुझसे कोई निजी बैर निकालने के लिए भी या सिर्फ मजे के लिए मुझमें और अरविंद केजरीवाल में कोई मतभेद दिखाना चाहते हैं तो हवा में आप नाव चला रहे हैं। मैं कहीं नहीं जा रहा। पार्टी के लिए दरी बिछाने से लेकर, तिहाड़ और फिर विधानसभा जाने तक का सफर तय किया है। आप में से कोई भी भाई, साथी पार्टी ऑफिस में आकर मुझसे मिल सकते हैं। मैं सच्चाई के रास्ते पर चलकर सदैव देश हित में काम करता रहूंगा, उसके आगे निजी पद या प्रतिष्ठा मामूली बात है।”

तिमारपुर से आप विधायक विधायक दिलीप पांडेय ने हाल ही में ऐलान किया था कि वह इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे। जिसके बाद उनकी सीट पर भाजपा से आए पूर्व विधायक सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को आम आदमी पार्टी में शामिल करने की चर्चा होने लगी। जिसको लेकर तिमारपुर इलाके के पार्टी पदाधिकारियों में असंतोष के स्वर उठने लगे हैं।