पटना, 27 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार सरकार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने संविधान की प्रतियां संस्कृत और मैथिली भाषा में प्रस्तुत होने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि पीएम मोदी का यह बड़ा कदम है। अब लोग संस्कृत और मैथिली भाषा में भी संविधान पढ़ सकेंगे।
विधान परिषद के पोर्टिको में उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा उठाया गया यह बहुत बड़ा कदम है। अब संविधान के लोग मैथिली और संस्कृत में भी पढ़ सकते हैं। मिथिलांचल के लोगों के लिए बहुत ही गर्व की बात है। हिंदुस्तान के इतिहास में कल का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण था।
उन्होंने कहा, “मैथिली भाषा मिथिलांचल बिहार की भाषा है। बिहार के लोग पूरी दुनिया में जहां भी रहते हैं, आज उनको कितनी खुशी और प्रसन्नता हुई होगी कि देश के प्रधानमंत्री ने मैथिली को कितना सम्मान दिया है।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने यह बड़ा कदम उठाया है और प्रधानमंत्री मोदी को मिथिलांचल की तरफ से दिल की गहराई से हम लोग धन्यवाद कह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि देश के संविधान के 75 साल पूरे होने पर मंगलवार को पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला उपस्थित रहे। कार्यक्रम की थीम “हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान” रखी गई।
संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर एक विशेष सिक्का और डाक टिकट जारी किए गए। इसके साथ ही संस्कृत और मैथिली भाषाओं में संविधान की प्रतियां भी प्रस्तुत की गईं। दो महत्वपूर्ण किताबों, ‘भारतीय संविधान का निर्माणः एक झलक’ और ‘भारतीय संविधान का निर्माण और इसकी गौरवशाली यात्रा’ का विमोचन भी इस कार्यक्रम में किया गया।