पीएम मोदी से जनता को बड़ी ‘उम्मीद’, दूर-दूर तक नहीं दिख रही कांग्रेस : आचार्य प्रमोद कृष्णम

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नैनीताल, 1 जून (आईएएनएस)। सातवें चरण का मतदान संपन्न होने के बाद सभी एग्जिट पोल में एनडीए की जीत का अनुमान लगाया गया है। इस पर अब सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। हर मुद्दे पर खुलकर बोलने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एग्जिट पोल पर अपनी बात रखी।

उन्होंने इंडिया गठबंधन को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “ये लोग एंटी नेशन और एंटी रिलिजन हैं, इसलिए जनता इन्हें स्वीकार नहीं कर रही है। वहीं, अगर बात प्रधानमंत्री की करें, तो वो सनातन धर्म के ध्वजवाहक हैं। नरेंद्र मोदी राष्ट्र की एकता के शिखर हैं। कश्मीर से 370 का हटाना। राम मंदिर का निर्माण होना। श्री कल्कि धाम का शिलान्यास होना। तीन तलाक को हटाना। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना। समस्त विश्व में भारत की धाक को स्थापित करना। अगर देखा जाए, तो यह सबकुछ सामान्य घटनाएं नहीं हैं, इसलिए मैं हमेशा ही कहता रहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर ईश्वर की कोई असीम कृपा है। जैसे ही चुनाव प्रचार थमा, प्रधानमंत्री आध्यात्मिक शक्ति अर्जित करने के लिए कन्याकुमारी ध्यान करने पहुंचे, ताकि वो आसुरी शक्तियों का विनाश कर सकें, लेकिन अफसोस इस पर भी विपक्षी राजनीति करने से बाज नहीं आए।“

उन्होंने आगे कहा, “ये लोग प्रधानमंत्री की साधना का भी मजाक बनाते हैं। आपको एक चीज समझना होगा कि सत्ता ना ही आ रही है और ना ही जा रही है। सत्ता जहां पर है, वहीं है। सत्ता जिन हाथों में है, लोग उसे वहीं महसूस कर रहे हैं। देश की जनता यह महसूस कर रही है कि देश नरेंद्र मोदी के हाथों में मजबूत है।“

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का भविष्य स्वर्णिम है, इसलिए तीसरी बार देश की जनता ने पीएम मोदी पर अपना विश्वास जताया है। मौजूदा एग्जिट पोल से साफ हो रहा है कि देश की जनता को नरेंद्र मोदी पर विश्वास है, भरोसा है, उनसे उम्मीदें हैं। अगर देश की जनता किसी को तीसरी बार अपने लिए उम्मीद के रूप में देख रही है, तो मैं इसे भारत के लोकतंत्र की विजय मानूंगा।“

वहीं, आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी भी स्थिति में अभी नजर नहीं आ रही है। उसकी दुर्गति अब अपने चरम पर पहुंच चुकी है, जब तक कांग्रेस के खेवनहार राहुल गांधी रहेंगे, तब तक कांग्रेस का बंटाधार होता रहेगा। कांग्रेस को अगर बचाना है, तो आपको राहुल गांधी को हटाना होगा, लेकिन इसकी हिम्मत किसी में नहीं है। चार जून को जब नतीजे बीजेपी के पक्ष में आ जाएंगे, तो यह लोग ईवीएम का रोना शुरू कर देंगे।