बिहार में सियासी परिदृश्य बदलने के मांझी ने दिए संकेत, भाजपा ने विधान मंडल सदस्यों की बैठक बुलाकर किया सचेत

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पटना, 19 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में शुक्रवार को राजनीतिक हलचल काफी तेज रही। जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से एनडीए के साथ बढ़ती नजदीकियों की चर्चा के बीच राजनीतिक गलियारों में गहमागहमी बनी रही। शुक्रवार की सुबह ही राजद के प्रमुख लालू प्रसाद अपने पुत्र और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ मुख्यमंत्री आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की।

करीब 45 मिनट की बैठक के बाद जब लालू प्रसाद और तेजस्वी सीएम आवास से बाहर निकले तो दोनों खुश दिखे, लेकिन, लालू ने पत्रकारों से कोई बात नहीं की। चर्चा होती रही कि सीट बंटवारे में हो रही देरी से नाराज नीतीश को मनाने लालू प्रसाद सीएम आवास पहुंचे थे।

तेजस्वी ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान इंडिया गठबंधन में ‘ऑल इज वेल’ के संकेत दिए।

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 25 जनवरी तक बिहार में राजनीतिक परिदृश्य बदलने के संकेत देकर ठंड के मौसम में सियासत को और गर्म कर दिया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि दिल्ली में रहने के बावजूद बिहार के वर्तमान राजनैतिक हालात पर मेरी नजर है। राज्य के राजनैतिक हालात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने सभी विधायकों को आगामी 25 जनवरी तक पटना में ही रहने का निर्देश दिया है।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि जो भी हो राज्यहित में होगा। मांझी के बयान को लेकर कहा जाने लगा है कि शायद बिहार में सियासी उलटफेर का कोई खेल हो सकता है।

इस बीच, भाजपा ने विधान मंडल के सदस्यों की बैठक बुला ली। भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय कुमार सिन्हा के आवास पर हुई इस बैठक में भाजपा के विधायक और विधान पार्षदों ने हिस्सा लिया।

भाजपा सूत्रों की माने तो बैठक में अगली रणनीतियों को लेकर चर्चा हुई और होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विचार किया गया। वैसे, माना यह भी जा रहा है कि भाजपा बिहार में बदलने वाली परिस्थितियों को लेकर भी तैयारी शुरू कर चुकी है।

गौर से देखा जाए तो भाजपा और नीतीश की पार्टी जदयू में एक-दूसरे के प्रति आक्रामकता में भी कमी आई है। जदयू के नेता और बिहार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने तो यहां तक दावा कर दिया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कभी नीतीश के लिए भाजपा के दरवाजे बंद रखने की बात नहीं की है।

जबकि, शाह ने अपने बिहार दौरे में सार्वजनिक मंच से इसकी घोषणा की थी। इसके बाद भाजपा के कई नेता इससे जुड़े बयान देते रहे हैं।

–आईएएनएस

एमएनपी/एबीएम