भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट श्रृंखला के चलते शायद सीए ने गेंद विवाद मामले को दबा दिया : वार्नर

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नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया ए और इंडिया ए के बीच मैके में खेले गए पहले अनौपचारिक टेस्ट के अंतिम दिन गेंद बदले जाने को लेकर हुए विवाद पर डेविड वॉर्नर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इस पूरे मामले पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) से स्पष्टीकरण की मांग की है।

खेल के अंतिम दिन की शुरुआत से पहले जब भारतीय टीम को नई गेंद थमाई गई थी तब भारतीय खिलाड़ी और ख़ासकर ईशान किशन अंपायर्स से काफ़ी नाराज़ दिखाई दिए। स्टंप माइक्रोफ़ोन पर कैद हुई आवाज़ में अंपायर शॉन क्रेग को यह कहते हुए सुना गया था कि पिछली गेंद पर काफ़ी खरोंच थी जबकि किशन गेंद बदले जाने के निर्णय को मूर्खतापूर्ण करार देते सुनाई दिए थे।

क्रेग ने कहा, “आपने गेंद को खरोंचा और हमने गेंद बदल दी। अब इस पर आगे चर्चा नहीं होगी, खेल शुरू करते हैं।”

खेल समाप्त होने के कुछ घंटों बाद सीए ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि गेंद ख़राब हो गई थी और इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। बयान में कहा गया था, “दोनों टीमों के कप्तान और मैनेजर को खेल शुरू होने से पहले इस निर्णय के संबंध में सूचित कर दिया गया था।”

वॉर्नर ने कहा कि उन्हें इस पूरी घटना के बारे में जानकारी तो नहीं थी लेकिन उन्होंने यह बातचीत देखी थी। वॉर्नर का मानना है कि शायद इस पूरे मामले को भारत ऑस्ट्रेलिया की आगामी पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला को देखते हुए दबा दिया गया।

वॉर्नर ने कहा, “अंतिम निर्णय तो सीए को करना है। है ना? मुझे लगता है कि सीए ने जितनी जल्दी हो सके इस मामले को दबा दिया क्योंकि भारतीय टीम यहां आने वाली है। हालांकि मुझे ऐसा लगता है कि अगर अंपायरों को लगता है कि कुछ हुआ है तो मुझे भरोसा है कि इस संबंध में आगे कोई कार्रवाई की जाएगी। अंपायर या फिर मैच रेफ़री को सामने आकर सभी सवालों के जवाब देने चाहिए।”

“मुझे लगता है कि मैच रेफ़री को अपने स्टाफ़ यानि अंपायर्स से बात करनी चाहिए। अगर वे अंपायर के निर्णय से सहमत हैं तो आपको भी इसके लिए खड़ा होना होगा। सीए को ज़ाहिर तौर पर इस संबंध में बयान जारी करना चाहिए। मैंने अभी तक तो सीए की ओर से ऐसा होता कुछ देखा नहीं है।”

प्राप्त जानकारी के अनुसार गेंद के साथ हुई किसी भी तरह की हरकत का कोई फ़ुटेज उपलब्ध नहीं है। नियमों के अनुसार अगर अंपायर को लगता है कि गेंद के साथ ग़लत तरह से छेड़छाड़ की गई है तब ऐसी स्थिति में संबंधित टीम पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाती है। हालांकि सीए की खेल शर्तों (प्लेइंग कंडीशंस) में यह भी है कि अगर अंपायर इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि आख़िर गेंद कैसे क्षतिग्रस्त हुई तब वे बिना पेनल्टी लगाए भी गेंद बदल सकते हैं।